स्टालिन ने थामी डीएमके के अध्यक्ष की कमान, निर्विरोध चुने जाने से पार्टी कार्यकर्ताओं में हर्ष

डीएमके के दिवंगत एम. करुणानिधि के बाद से उनके छोटे बेटे स्टालिन ने बतौर अध्यक्ष पार्टी की कमान संभाल ली है। मंगलवार को पार्टी की औपचारिक बैठक में उन्हें निर्विरोध अध्यक्ष चुन लिया गया है। डाइनामाइट न्यूज़ की स्पेशल रिपोर्ट

Updated : 28 August 2018, 1:12 PM IST
google-preferred

चेन्नईः एम. करुणानिधि के निधन के बाद मंगलवार को द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) को नया पार्टी अध्यक्ष मिल गया। चेन्नई में हुई पार्टी की बैठक में दिवंगत करुणानिधि के बेटे एम. के. स्टालिन को डीएमके का अध्यक्ष चुना गया। इससे पहले स्टालिन डीएमके के कार्यकारी अध्यक्ष थे। हालांकि यह पहले से ही तय था कि उनके दिवंगत पिता करुणानिधि के बाद स्टालिन ही पार्टी के अध्यक्ष बनेंगे, इस पर मंगलवार को हुई बैठक में इसका औपचारिक ऐलान कर दिया गया। 

स्टालिन को निर्विरोध अध्यक्ष चुना गया जिसके बाद उनके समर्थकों में खुशी की लहर दौड़ गई। डीएमके का अध्यक्ष चुने जाने पर उन्होंने सबसे पहले अपने दिवंगत पिता करुणानिधि की तस्वीर पर माल्यार्पण किया और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। बैठक में दुरई मुरुगन को डीएमके का पार्टी कोषाध्यक्ष चुना गया है।

यह भी पढ़ें: तमिल राजनीति के सबसे करिश्माई नेता भी थे एम करुणानिधि, जाने उनके जीवन से जुड़ी 10 खास बातें

गौरतलब है कि कि पिछले दिनों करुणानिधि के छोटे बेटे स्टालिन ने पार्टी अध्यक्ष और डीएमके के वरिष्ठ नेता दुरई मुरुगन ने पार्टी कोषाध्यक्ष पद के लिए नामांकन भरा था। पार्टी के 65 जिलों के सचिवों ने अध्यक्ष पद के लिए उनका नाम प्रस्तावित किया था।

स्टालिन के विरोध में किसी ने भी नामांकन नहीं भरा जिसके बाद निर्विरोध तरीके चुनाव में वह डीएमके के दूसरे नए अध्यक्ष बने। उनके अध्यक्ष बनने से पहले करुणानिधि के बड़े बेटे अड़ागिरी का उनके खिलाफ होना थोड़ा स्टालिन की ताजपेशी में अड़ंगा जरूर डाल रहा था। बावजूद इसके स्टालिन आसानी से अध्यक्ष पद पर काबिज हो गए।

Published : 
  • 28 August 2018, 1:12 PM IST

Related News

No related posts found.