Chandrayaan-3: चंद्रमा पर फ़तह के समय ओड़िशा में जन्मे कई बच्चे, रखा गया ये खास नाम

डीएन ब्यूरो

पृथ्वी के प्राकृतिक उपग्रह चंद्रमा की सतह पर भारत के चंद्र अभियान के कदम रखने के तुरंत बाद ओडिशा के केंद्रपाड़ा जिले में जन्मे कई बच्चों का नाम ‘चंद्रयान’ रखा गया है। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

ओडिशा में जन्मे बच्चों का नाम ‘चंद्रयान’ रखा गया
ओडिशा में जन्मे बच्चों का नाम ‘चंद्रयान’ रखा गया


केंद्रपाड़ा: पृथ्वी के प्राकृतिक उपग्रह चंद्रमा की सतह पर भारत के चंद्र अभियान के कदम रखने के तुरंत बाद ओडिशा के केंद्रपाड़ा जिले में जन्मे कई बच्चों का नाम ‘चंद्रयान’ रखा गया है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार यहां बुधवार शाम को केंद्रपाड़ा जिला अस्पताल में जन्मे कम से कम चार शिशुओं का नाम उनके माता पिता ने चंद्रयान रखा है जिनमें तीन लड़के और एक लड़की है।

इन चार शिशुओं में से एक के पिता प्रवत मलिक ने कहा, ‘‘यह दोहरी खुशी है। चंद्रमा की सतह पर चंद्रयान-3 के सफलतापूर्वक लैंड करने के कुछ मिनट बाद ही हमारे बच्चे का जन्म हुआ। हमने बच्चे का नाम इस चंद्र अभियान पर रखने का फैसला किया है।’’

स्थानीय स्तर पर बच्चे के जन्म के 21वें दिन पूजा के बाद उसके नामकरण की परंपरा रही है।

अरिपाड़ा गांव की निवासी मलिक की पत्नी रानू ने एक बेटे को जन्म दिया है। रानू ने कहा कि घर के बड़े बुजुर्गों को बच्चे का नाम चंद्रयान के नाम पर रखने का सुझाव दिया जाएगा।

उन्होंने कहा कि बच्चे का नाम ‘‘चंद्र’’ या ‘‘लूना’’ भी हो सकता है क्योंकि चंद्रयान का अर्थ चांद के लिए वाहन होता है।

शिशु की माता ने कहा, ‘‘चंद्रयान हालांकि एक नयी शैली का नाम है। हम 21वें दिन पूजा में इस बारे में फैसला करेंगे।’’

तालाचुआ गांव की दुर्गा मंडल, नीलकंठपुर की जोशन्यारानी बाल और अंगुलेई गांव की बेबिना सेठी ने भी बुधवार शाम को बच्चे को जन्म दिया। दुर्गा ने एक बेटी को जन्म दिया जबकि अन्य दोनों ने बेटों को जन्म दिया।

केंद्रपाड़ा सरकारी अस्पताल में मुख्य नर्स अंजना साहू ने कहा, ‘‘ये सभी माताएं अपने अपने बच्चों के नाम चंद्रयान पर रखना चाहती हैं।’’

उन्होंने कहा ‘‘मुझे याद है कि कई लोगों ने इससे पहले राज्य में आए चक्रवात के नाम पर अपने बच्चे का नामकरण किया था।’’

अस्पताल के अतिरिक्त जिला चिकित्सा अधिकारी डॉ पी. के. प्रहराज ने कहा कि ये माता पिता खुद को काफी सौभाग्यशाली महसूस कर रहे हैं क्योंकि उनके बच्चों का जन्म इस ऐतिहासिक पल में हुआ है।

चिकित्सक ने कहा, ‘‘वे चंद्रयान पर अपने बच्चों का नाम रखकर इस चंद्र मिशन में भारत की उपलब्धि का जश्न मनाना चाहते हैं।’’










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