मणिपुर में शांति बहाली के लिए केंद्र ने तैयार किया प्लान, जानें पूरी डिटेल
केंद्र सरकार ने जातीय हिंसा से प्रभावित मणिपुर में शांति बहाली की कवायद में मदद करने और विभिन्न समुदायों के बीच बातचीत शुरू कराने के लिए राज्यपाल की अध्यक्षता में एक शांति समिति का गठन किया है। गृह मंत्रालय ने शनिवार को यह जानकारी दी। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर
नयी दिल्ली: केंद्र सरकार ने जातीय हिंसा से प्रभावित मणिपुर में शांति बहाली की कवायद में मदद करने और विभिन्न समुदायों के बीच बातचीत शुरू कराने के लिए राज्यपाल की अध्यक्षता में एक शांति समिति का गठन किया है। गृह मंत्रालय ने शनिवार को यह जानकारी दी।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार मंत्रालय ने एक बयान में बताया कि शांति समिति के सदस्यों में मुख्यमंत्री, राज्य सरकार के कुछ मंत्री, सांसद, विधायक, विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता और नागरिक समाज संगठनों के सदस्य शामिल होंगे।
बयान में कहा गया, ‘‘भारत सरकार ने मणिपुर के राज्यपाल की अध्यक्षता में राज्य में ‘शांति समिति’ का गठन किया है। समिति के सदस्यों में मुख्यमंत्री, राज्य सरकार के कुछ मंत्री, सांसद, विधायक और विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता शामिल होंगे।’’
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इसमें कहा गया कि शांति समिति को राज्य के विभिन्न जातीय समूहों के बीच शांति स्थापना की प्रक्रिया में मदद करने और विरोधी गुटों व समूहों के बीच शांतिपूर्ण बातचीत शुरू कराने का काम सौंपा गया है।
बयान के अनुसार, समिति सामाजिक एकजुटता और आपसी समझ को मजबूत करेगी तथा विभिन्न जातीय समूहों के बीच सौहार्दपूर्ण संवाद की पहल करेगी।
इसमें कहा गया कि शांति समिति में पूर्व नौकरशाह, शिक्षाविद, साहित्यकार, कलाकार, सामाजिक कार्यकर्ता और विभिन्न जातीय समूहों के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे।
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केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 29 मई से एक जून तक मणिपुर का दौरा किया था और जमीनी हालात का जायजा लेने के बाद शांति समिति के गठन की घोषणा की थी।
मणिपुर में अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में तीन मई को पर्वतीय जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के आयोजन के बाद राज्यभर में हिंसक झड़पें शुरू हो गई थीं। इन झड़पों में कम से कम 100 लोग मारे जा चुके हैं और 300 से अधिक लोग घायल हुए हैं।