सीबीआई ने मणिपुर हिंसा की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया, छह प्राथमिकी पुन: दर्ज कीं

डीएन ब्यूरो

केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने मणिपुर सरकार द्वारा उसे सौंपे गए हिंसा से जुड़े छह मामलों की जांच के लिए उप महानिरीक्षक (डीआईजी) रैंक के एक अधिकारी की अगुवाई में 10 सदस्यीय विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।

सीबीआई  (फाइल)
सीबीआई (फाइल)


नई दिल्ली: केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने मणिपुर सरकार द्वारा उसे सौंपे गए हिंसा से जुड़े छह मामलों की जांच के लिए उप महानिरीक्षक (डीआईजी) रैंक के एक अधिकारी की अगुवाई में 10 सदस्यीय विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।

गृह मंत्री अमित शाह ने पूर्वोत्तर राज्य के अपने दौरे में मणिपुर हिंसा संबंधी छह प्राथमिकी की सीबीआई से जांच कराए जाने की घोषणा की थी। इनमें से पांच प्राथमिकी आपराधिक षड्यंत्र और एक प्राथमिकी सामान्य षड्यंत्र से जुड़ी है।

अधिकारियों ने बताया कि सीबीआई ने संयुक्त निदेशक घनश्याम उपाध्याय को राज्य के अधिकारियों के साथ समन्वय करने के लिए भेजा था और उनके लौटने पर एसआईटी का गठन किया गया। उन्होंने बताया कि विशेष अपराध शाखा, कोलकाता मामलों की जांच करेगी।

एजेंसी के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘‘सीबीआई ने मणिपुर द्वारा सौंपे गए बड़े स्तर पर हुई हिंसा से जुड़े छह मामलों को आज दर्ज किया। इस हिंसा के कारण राज्य के विभिन्न जिलों में संपत्तियों को क्षतिग्रस्त किया गया और उनमें लूटपाट की गई, आगजनी, हथियारों एवं गोला-बारूद की लूटपाट और मानव जीवन की हानि जैसी घटनाएं हुईं।’’

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उन्होंने बताया कि एसआईटी का गठन मामलों की ‘‘गहन जांच’’ करने और इन दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं के पीछे के आपराधिक षड्यंत्र का पता लगाने के लिए किया गया है।

इस बीच, सूत्रों ने बताया कि सुरक्षा बलों ने पिछले 24 घंटे में मणिपुर के इंफाल ईस्ट, काकचिंग, टेंग्नौपाल और बिष्णुपुर जिलों से 57 हथियार, 1,588 गोला-बारूद और 23 बम बरामद किए।

उन्होंने बताया कि अब तक कुल 953 हथियार, 13,351 गोला-बारूद और विभिन्न प्रकार के 223 बम बरामद किए जा चुके हैं।

गौरतलब है कि मणिपुर में अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में तीन मई को पर्वतीय जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के आयोजन के बाद हिंसक झड़पें शुरू हो गई थीं। इस हिंसा में अब तक करीब 100 लोगों की मौत हुई है और 300 से अधिक लोग घायल हुए हैं।

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मणिपुर में 53 प्रतिशत आबादी मेइती समुदाय की है और यह मुख्य रूप से इंफाल घाटी में रहती है। आदिवासियों-नगा और कुकी समुदाय की आबादी 40 प्रतिशत है और यह मुख्यत: पर्वतीय जिलों में बसती है।

राज्य में शांति बहाली के लिए सेना और असम राइफल्स के लगभग 10,000 जवान तैनात किए गए हैं।

 










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