कर्नाटक में फर्जी पहचान पत्र का मामला गहराया, CBI या NIA से जांच की मांग, जानिये पूरा अपडेट
कर्नाटक में फर्जी मतदाता पहचान पत्र और आधार कार्ड की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) या राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) से कराई जानी चाहिए क्योंकि मामला राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
बेंगलुरु: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने बुधवार को मांग की कि फर्जी मतदाता पहचान पत्र और आधार कार्ड की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) या राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) से कराई जानी चाहिए क्योंकि मामला राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा है।
फर्जी पहचान पत्र बनाने के मामले में बेंगलुरु की केंद्रीय अपराध शाखा (सीसीबी) द्वारा हाल में तीन लोगों - एमएसएल टेक्नो सॉल्यूशन्स के मालिक मौनेश कुमार, उनके साथी भगत और राघवेंद्र की गिरफ्तारी का जिक्र करते हुए भाजपा विधायक और पूर्व मंत्री एस सुरेश कुमार ने कहा कि तीनों के खिलाफ प्राथमिकी में अंकित अपराध राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित है।
कुमार ने आरोप लगाया, ‘‘प्राथमिकी में जिस अपराध का उल्लेख है, वह राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा है। फर्जी आधार कार्ड तैयार करना राष्ट्रीय सुरक्षा की दृष्टि से बड़ा अपराध है। ये सभी आरोपी शहरी विकास मंत्री बी सुरेश के करीबी सहयोगी हैं।’’
यह भी पढ़ें |
कर्नाटक में कांग्रेस सरकार के शपथ ग्रहण के बाद राहुल गांधी ने भाजपा पर बोला तीखा हमला, जानिये क्या-क्या कहा
उन्होंने कहा, ‘‘यह एक अपराध है, इसलिए भाजपा मांग करती है कि सीसीबी इस मामले में जांच नहीं कर सकती। इसकी जांच सीबीआई या एनआईए द्वारा की जानी चाहिए।’’
कुमार ने कहा कि इसके साथ ही एमएसएल टेक्नो सॉल्यूशन्स द्वारा बनाये गये आधार कार्ड को रद्द करने का आदेश जारी होना चाहिए क्योंकि यह समझना मुश्किल है कि भविष्य में इनका इस्तेमाल कहां हो सकता है।
उन्होंने मांग की कि आरोपी ताकतवर हो सकते हैं, लेकिन वे बचने नहीं चाहिए क्योंकि यह एक राजनीतिक मामला नहीं है, बल्कि समाज की सुरक्षा से जुड़ा विषय है।
यह भी पढ़ें |
कर्नाटक में भाजपा ने कांग्रेस सरकार पर ‘वचन भ्रष्ट’ होने का आरोप लगाया
भाजपा विधायक ने कहा कि आधार कार्ड बनाने के लिए जन्म प्रमाण-पत्र जरूरी बनाया जाए।
कुमार ने यह दावा भी किया कि 2023 के विधानसभा चुनाव जीतने के एकमात्र उद्देश्य के साथ ये दस्तावेज बनाये गये हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘हम भारत निर्वाचन आयोग से शिकायत कर रहे हैं कि पूरे नेटवर्क का पर्दाफाश कर पता लगाया जाए कि किन लोगों को ये फर्जी पहचान पत्र दिये जाते हैं। हम आयोग से मांग करेंगे कि इस मामले की जांच एनआईए या सीबीआई से कराई जाए क्योंकि ये दोनों जांच एजेंसियां इनकी उचित तरीके से जांच करने में सक्षम हैं।’’