Kerala: यूडीएफ का आरोप, कोच्चि में ब्रह्मपुरम अपशिष्ट संयंत्र में आग जानूबूझकर लगायी गई

डीएन ब्यूरो

कांग्रेस के नेतृत्व वाले विपक्षी यूडीएफ ने सोमवार को केरल विधानसभा में आरोप लगाया कि कोच्चि में ब्रह्मपुरम अपशिष्ट संयंत्र में अभी भी सुलग रही आग, उस जगह के निरीक्षण से बचने के लिए जानबूझकर लगाई गई थी जहां कई वर्षों का कचरा जमा है। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

विधानसभा में विपक्ष के नेता वी. डी. सतीशन
विधानसभा में विपक्ष के नेता वी. डी. सतीशन


तिरुवनंतपुरम:  कांग्रेस के नेतृत्व वाले विपक्षी यूडीएफ ने सोमवार को केरल विधानसभा में आरोप लगाया कि कोच्चि में ब्रह्मपुरम अपशिष्ट संयंत्र में अभी भी सुलग रही आग, उस जगह के निरीक्षण से बचने के लिए 'जानबूझकर' लगाई गई थी जहां कई वर्षों का कचरा जमा है।

दूसरी ओर, सरकार ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि आग राज्य में उच्च तापमान के कारण लगी, लेकिन वह इसके वास्तविक कारणों का पता लगाने के लिए मामले की जांच कर रही है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता (एलओपी) वी. डी. सतीशन ने सदन में दावा किया कि आग अभी तक बुझी नहीं है या काबू में नहीं आई है। उन्होंने साथ ही आरोप लगाया कि न तो स्थानीय प्रशासन और न ही राज्य सरकार गंभीर स्थिति से निपटने के लिए कुछ कर रही है।

उन्होंने सदन में कहा कि वहां से निकलने वाला जहरीला धुआं अपशिष्ट संयंत्र के आसपास के क्षेत्रों के घरों में घुस गया है जो वहां के लोगों के लिए अल्पकालिक और दीर्घकालिक, दोनों तरह की स्वास्थ्य दिक्कतें उत्पन्न करेगा।

विपक्ष के नेता सतीशन एर्णाकुलम जिले के उत्तर परावुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक भी हैं। उन्होंने कहा कि संयंत्र से कचरा हटाने के लिए लगे ठेकेदारों में से एक का कार्यकाल 3 मार्च को समाप्त हो रहा था और वह विस्तार चाह रहा था।

उन्होंने दावा किया, ‘‘विस्तार से पहले, स्थल निरीक्षण किया जाना था। चूंकि निरीक्षण में अपशिष्ट निकासी कार्यों की कमी का पता चल जाता..., आग जानबूझकर जमीन पर वास्तविक स्थिति को छिपाने के लिए लगाई गई।’’

कचरे के ढेर में आग दो मार्च को लगी थी।

विपक्ष के नेता के सभी आरोपों का खंडन करते हुए राज्य के स्थानीय निकाय मंत्री एम बी राजेश ने कहा कि ब्रह्मपुरम में स्थिति नियंत्रण में है और चिंता या घबराहट की कोई बात नहीं है।

उन्होंने इस बात पर जोर भी दिया कि धुएं के कारण अपशिष्ट संयंत्र के भीतर और आसपास के क्षेत्र से किसी तरह की स्वास्थ्य संबंधी आपात स्थिति या कोई मामला सामने नहीं आया है। उन्होंने आग के कारण उत्पन्न जहरीले धुएं से संबंधित किसी भी स्थिति से निपटने के लिए सरकार द्वारा की गई व्यवस्था का विवरण दिया।

राजेश ने स्थिति से निपटने के लिए रविवार को एर्णाकुलम जिला कलेक्ट्रेट में आयोजित एक उच्च स्तरीय बैठक में लिए गए निर्णयों का विवरण भी दिया।

मंत्री ने कहा, ‘‘2 मार्च की तुलना में हवा की गुणवत्ता में सुधार हुआ है।’’

राजेश ने कहा कि पिछले 15 वर्षों में संयंत्र में लगभग 5 लाख घन मीटर से अधिक पुराना कचरा जमा हुआ था और इसमें से एक तिहाई को साफ कर दिया गया था। उन्होंने कहा कि हालांकि, शेष कचरा स्थल पर कई परतों में जमा था और यह आग को पूरी तरह से बुझाने में देरी के कारणों में से एक है।

उन्होंने कहा, ‘‘वहां पिछले चार वर्षों में इस तरह की आग की घटनाएं हुई हैं और हम यह सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएंगे कि भविष्य में ऐसा दोबारा न हो।’’

मंत्री ने यह भी कहा कि आग लगने के वास्तविक कारणों की जांच की जा रही है, चाहे वह जानबूझकर लगायी गई हो या प्राकृतिक कारण से लगी हो।

उन्होंने दावा किया, ‘‘हालांकि तथ्य यह है कि पिछले कई दिनों में राज्य में आग लगने की कई घटनाएं हुई हैं और यह संभवत: अत्यधिक उच्च तापमान के कारण हुआ है।’’

राजेश ने विपक्ष सहित सभी से आग्रह किया कि वे केवल राज्य सरकार को दोष देने के बजाय इस मुद्दे को हल करने के लिए मिलकर काम करें, जो स्थल से कचरा जल्द से जल्द हटाने के लिए कदम उठा रही है।

तीस से अधिक दमकल वाहन, भारतीय नौसेना के हेलीकॉप्टर और कर्मियों के साथ-साथ अग्निशमन कर्मी और भारत पेट्रोलियम एवं हिंदुस्तान पेट्रोलियम आदि के उपकरण आग को नियंत्रित करने और इसे बुझाने के लिए लगाये गए हैं।










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