भाजपा की जम्मू-कश्मीर इकाई ने अनुच्छेद 370 पर न्यायालय के फैसले का स्वागत किया

डीएन ब्यूरो

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की जम्मू-कश्मीर इकाई के अध्यक्ष रवींद्र रैना ने सोमवार को अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के केंद्र के फैसले को उच्चतम न्यायालय द्वारा बरकरार रखे जाने के निर्णय का स्वागत करते हुए कहा कि ‘‘हम फैसले का सही अर्थों में आदर व सम्मान करते हैं। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

रवींद्र रैना
रवींद्र रैना


जम्मू: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की जम्मू-कश्मीर इकाई के अध्यक्ष रवींद्र रैना ने सोमवार को अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के केंद्र के फैसले को उच्चतम न्यायालय द्वारा बरकरार रखे जाने के निर्णय का स्वागत करते हुए कहा कि ‘‘हम फैसले का सही अर्थों में आदर व सम्मान करते हैं।’’

हालांकि, कांग्रेस की जम्मू-कश्मीर इकाई के अध्यक्ष जी.ए. मीर ने कहा कि पार्टी फैसले का अध्ययन कर रही है और बाद में बयान जारी करेगी। उन्होंने कहा कि शीर्ष अदालत को राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए एक समयसीमा तय करनी चाहिए थी और केंद्रशासित प्रदेश के स्थानीय लोगों के लिए नौकरियों तथा भूमि के लिए विशेष सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए थी।

उच्चतम न्यायालय ने सर्वसम्मति से पूर्ववर्ती जम्मू-कश्मीर राज्य को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को निरस्त किए जाने के सरकार के फैसले को बरकरार रखते हुए सोमवार को कहा कि यथाशीघ्र राज्य का दर्जा बहाल किया जाना चाहिए और अगले साल 30 सितंबर तक विधानसभा चुनाव कराने के लिए कदम उठाए जाने चाहिए।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार रैना ने कहा, ‘‘हमें अपने देश, संविधान और अपनी न्यायपालिका पर गर्व है जो दुनिया में सर्वश्रेष्ठ में से एक है। हम शीर्ष न्यायालय के फैसले का सच्चे अर्थों में आदर और सम्मान करते हैं।’’

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने बार-बार स्पष्ट किया है कि वह विधानसभा चुनाव कराने को तैयार है लेकिन फैसला निर्वाचन आयोग को लेना है जबकि प्रधानमंत्री और केंद्रीय गृह मंत्री ने जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने का वादा किया है।

भाजपा की जम्मू-कश्मीर इकाई के मुख्य प्रवक्ता सुनील सेठी ने कहा कि यह बेहतर होगा कि उच्चम न्यायालय के फैसले को राजनीतिक रंग नहीं दिया जाए जो पूरे देश के लोगों की इच्छाओं के अनुकूल है।

सेठी ने कहा, ‘‘यह एक ऐतिहासिक निर्णय है क्योंकि इसने जम्मू-कश्मीर के पूर्ण एकीकरण पर उठाए गए सवालों पर विराम लगा दिया है। यह लड़ाई राजनीतिक या समुदाय केंद्रित नहीं थी लेकिन कश्मीर में कुछ लोग हैं जिनकी राजनीति इसी (अनुच्छेद 370) पर चलती है।’’

वहीं, एक अन्य भाजपा नेता ब्रिगेडियर (सेवानिवृत्त) अनिल गुप्ता ने कहा कि शीर्ष अदालत के फैसले से केवल संघर्ष के लाभार्थी ही नाखुश होंगे।

संपर्क करने पर कांग्रेस नेता मीर ने कहा कि पार्टी फैसले का अध्ययन कर रही है और उसके अनुसार बयान देगी। हालांकि, उन्होंने विधानसभा चुनाव कराने के लिए दी गई समयसीमा का स्वागत किया और कहा कि राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए भी समयसीमा तय की जानी चाहिए थी।










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