सनातन धर्म के लगातार ‘अपमान’ पर कांग्रेस व उसके शीर्ष नेतृत्व की ‘चुप्पी’ को लेकर भाजपा ने उठाए सवाल

डीएन ब्यूरो

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मंगलवार को आरोप लगाया कि वोट बैंक की राजनीति के लिए सनातन धर्म पर हमला विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इनक्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) का गुप्त एजेंडा है। ढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा
भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा


नयी दिल्ली:  भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मंगलवार को आरोप लगाया कि वोट बैंक की राजनीति के लिए सनातन धर्म पर हमला विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इनक्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) का गुप्त एजेंडा है।

इस मुद्दे पर विपक्ष को घेरने की पार्टी की रणनीति की कमान संभालते हुए भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा ने आरोप लगाया कि ‘आईएनडीआई’ गठबंधन का गठन ही सनातन धर्म के विरोध में किया गया है और यह कांग्रेस तथा उसके पूर्व अध्यक्षों सोनिया गांधी तथा राहुल गांधी की सोची समझी रणनीति का हिस्सा है।

भाजपा ने विपक्षी गठबंधन पर हमला करने के लिए द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) के नेता और तमिलनाडु सरकार में मंत्री के पोनमुंडी के उस बयान को आधार बनाया है, जिसमें उन्होंने दावा किया था कि ‘इंडिया’ का गठन ‘सनातनी विचारधारा के विरोध में’ किया गया है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार नड्डा ने ‘एक्स’ पर जारी एक पोस्ट में कहा, ‘‘आईएनडीआई गठबंधन की मुम्बई बैठक के दो दिन बाद उदयनिधि स्टालिन का बयान आना, फिर प्रियांक खरगे का सनातन पर आघात और आज द्रमुक के मंत्री द्वारा ये स्वीकार करना कि आईएनडीआई गठबंधन का गठन ही सनातन धर्म के विरोध में किया गया था, यह सोनिया गांधी, राहुल और कांग्रेस की सोची समझी रणनीति का हिस्सा है।’’

उन्होंने कहा कि कांग्रेस और आईएनडीआई गठबंधन को इस बयान पर अपना मत स्पष्ट करना चाहिए और उन्हें बताना चाहिए कि क्या संविधान में किसी धर्म के बारे में आपत्तिजनक बयान देने का अधिकार है?

उन्होंने यह सवाल भी किया कि क्या विपक्षी गठबंधन के लोगों को संविधान के प्रावधानों की जानकारी नहीं है?

भाजपा अध्यक्ष ने कहा, ‘‘आईएनडीआई गठबंधन, कांग्रेस, सोनिया और राहुल बताएं कि मोहब्बत की दुकान के नाम पर सनातन धर्म के खिलाफ नफरत का सामान क्यों बेचा जा रहा है? यह नफरत का मेगा मॉल सिर्फ सत्ता के लिए है- बांटो और राज करो।’’

इस मुद्दे पर विपक्ष पर हमलावर रुख जारी रखते हुए भाजपा नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कांग्रेस नेतृत्व पर निशाना साधा और कहा कि सोनिया गांधी इस मामले पर अगर चुप्पी साधे रहेंगी तो यह स्पष्ट हो जाएगा कि सनातन धर्म का विरोध करना ‘इंडिया’ के न्यूनतम साझा कार्यक्रम का हिस्सा है।

प्रसाद ने द्रमुक के एक नेता की उस हालिया टिप्पणी का जिक्र किया जिसमें उन्होंने कहा था कि सनातन धर्म का विरोध करना संगठन का एजेंडा है। इस बारे में प्रसाद ने कहा कि तमिलनाडु के नेता ने जो कहा, वह विपक्षी गठबंधन के बारे में सही ही है।

उन्होंने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘भाजपा इस गठबंधन से एक स्पष्ट प्रस्ताव लाने का आग्रह करेगी कि वह इससे खुद को (द्रमुक की आलोचना से) पूरी तरह अलग करता है और यह उनका एजेंडा नहीं है।’’

द्रमुक द्वारा अपने बयान को सही ठहराने के लिए सनातन धर्म को हिंदुओं के बीच जातिगत भेदभाव की प्रथा से जोड़ने पर भाजपा नेता ने कहा कि शबरी, केवट और संत रविदास जैसे पिछड़ी जातियों के श्रद्धेय लोगों को समर्पित मंदिर बनाए गए हैं।

उन्होंने दावा किया कि सनातन धर्म का मानना है कि कोई भी व्यक्ति अपनी जाति और समुदाय की पृष्ठभूमि के बावजूद अपनी भक्ति से भगवान को प्राप्त कर सकता है।

कांग्रेस ने इस विवाद को लेकर स्पष्ट तौर पर कहा कि वह हर धर्म का सम्मान करने में विश्वास करती है।

कांग्रेस पर पलटवार करते हुए प्रसाद ने कहा कि द्रमुक से लेकर राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और समाजवादी पार्टी (सपा) जैसे दलों के कुछ नेता सनातन धर्म और हिंदू धर्म से जुड़े पवित्र ग्रंथों की आलोचना करने में मुखर रहे हैं, लेकिन क्या वे अन्य धर्मों और उनके पवित्र व्यक्तित्वों की आलोचना करने का साहस जुटा सकते हैं?

उन्होंने कहा कि भारत की संस्कृति और विरासत का हर रोज अपमान किया जा रहा है और भाजपा इस मुद्दे को लेकर देश भर के गांवों में जाएगी और विकास तथा विरासत की भी बात करेगी।

प्रसाद ने विपक्षी नेताओं से सवाल किया कि सनातन धर्म का यह ‘शर्मनाक अपमान’ क्यों किया जा रहा है। उन्होंने दावा किया कि देश यह अपमान बर्दाश्त नहीं करेगा।

उन्होंने हाल ही में भारत द्वारा आयोजित जी20 शिखर सम्मेलन की बैठक के दौरान कोणार्क चक्र और प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय को दी गई प्रमुखता के बारे में भी बात की।










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