सांसद शरद त्रिपाठी और विधायक राकेश सिंह बघेल के बीच मारपीट के बाद दोनों गुटों ने डाला लखनऊ में डेरा, अगली कार्रवाई पर टिकी सबकी निगाहें

डीएन ब्यूरो

लोकसभा चुनाव के ठीक पहले जनता के बीच पार्टी और सरकार की फजीहत कराने वाले भाजपा सांसद शरद त्रिपाठी और विधायक राकेश सिंह बघेल ने अपने समर्थकों के साथ लखनऊ में डेरा डाल दिया है। दोनों पक्षों की कोशिश है कि लोकसभा चुनाव के ठीक पहले कहीं पार्टी की ओर से उन पर कोई बड़ी कार्यवाही ना कर दी जाए। डाइनामाइट न्यूज की रिपोर्ट..

लखनऊ का मीराबाई गेस्ट हाउस
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लखनऊ: लोकसभा चुनाव के ठीक पहले जनता के बीच पार्टी और सरकार की फजीहत कराने वाले भाजपा सांसद शरद त्रिपाठी और विधायक राकेश सिंह बघेल ने अपने समर्थकों के साथ लखनऊ में डेरा डाल दिया है। दोनों पक्षों की कोशिश है कि लोकसभा चुनाव के ठीक पहले कहीं पार्टी की ओर से उन पर कोई बड़ी कार्यवाही ना कर दी जाए। सूत्र बताते हैं कि सांसद का आगामी लोकसभा चुनाव में टिकट भी कट सकता है। हालांकि भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र नाथ पांडे ने इस मामले पर पार्टी का रुख पूरी तरह से साफ नहीं किया है।

 

गौरतलब है कि खलीलाबाद में एक बैठक के दौरान किस तरह से सांसद शरद त्रिपाठी और स्‍थानीय विधायक राकेश सिंह बघेल के बीच कहासुनी के बाद जमकर मारपीट हुई थी। जिसके बाद पुलिस ने भी खूब वहां मौजूद कार्यकर्ताओं पर लाठियां भांजी थी। जिसके वीडियो भी खूब वायरल हुए थे। घटना के बाद पार्टी आलाकमान ने दोनों से जवाब भी मांगा था। जिसके बाद भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र नाथ पांडे के सामने सांसद और विधायक ने अपना-अपना पक्ष रखा।

 

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पार्टी की फजीहत कराने के बाद भाजपा सांसद शरद त्रिपाठी और विधायक राकेश बघेल अब किसी भी तरह से अपने बचाव में लगे हैं। सूत्रों के अनुसार दोनों पक्ष अपने स्‍तर पर पार्टी और सरकार में बैठे लोगों से मिलजुलकर अपने बचाव की गुहार लगा रहे हैं। वहीं इस बात की भी अफवाहें गरम हैं कि सांसद का आगामी लोकसभा में टिकट भी कट सकता है। इन चर्चाओं के चलते ही सांसद शरद त्रिपाठी और उनके समर्थकों की सांसे अटकी हुई हैं। सांसद शरद त्रिपाठी की अपनी तरफ से पूरी कोशिश में लगे हुए हैं कि किसी भी तरह से पार्टी आलाकमान के कोप से बच जाएं।

 

वहीं मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी और दूसरे राजनीतिक दलों द्वारा इस मामले को लेकर भाजपा पर सवाल उठाने के बाद भाजपा बैकफुट पर जाते हुए नजर आ रही है। वहीं दोनों के समर्थकों में कभी उम्‍मीद तो कभी निराशा वाला माहौल बन रहा है। भाजपा सांसद और विधायक पर भाजपा के शीर्ष नेतृत्व की ओर से क्या कार्रवाई होती है यह तो आने वाला समय बताएगा। मगर इस घटना ने भाजपा के भीतर चल रहे आंतरिक कलह को एक बार फिर से जनता के बीच उजागर कर दिया है।










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