सीबीआई, ईडी के खिलाफ पत्र लिखने वाले विपक्षी नेताओं पर भाजपा का हमला, जानिये क्या कहा
भारतीय जनता पार्टी के नेता एवं दिल्ली से लोकसभा सदस्य मनोज तिवारी ने बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के खिलाफ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखने वाले सभी विपक्षी नेता ‘भ्रष्टाचार में लिप्त’ हैं। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर
नयी दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता एवं दिल्ली से लोकसभा सदस्य मनोज तिवारी ने बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के खिलाफ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखने वाले सभी विपक्षी नेता ‘भ्रष्टाचार में लिप्त’ हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली आबकारी नीति मामले में आम आदमी पार्टी (आप) के नेता मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी के बाद भ्रष्टाचारियों में दहशत है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार उन्होंने आरोप लगाया कि पत्र लिखने वाले नेताओं का उद्देश्य केंद्रीय एजेंसियों पर हमला करने का नहीं है, बल्कि भ्रष्टाचार के मुद्दे से लोगों का ध्यान भटकाना है।
तिवारी ने पत्रकारों से कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखने वाले सभी नौ नेता भ्रष्टाचार में शामिल हैं और उनका उद्देश्य सीबीआई और ईडी पर हमला करना नहीं है, बल्कि भ्रष्टाचार के वास्तविक मुद्दे से लोगों का ध्यान भटकाना है।’’
उन्होंने आरोप लगाया कि सिसोदिया की गिरफ्तारी के बाद भ्रष्टाचारियों में दहशत है और जो लोग कभी भ्रष्टाचार के खिलाफ बोलते थे, वे अब भ्रष्टाचारियों को गले लगा रहे हैं।
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उन्होंने कहा, ‘‘मोदी सरकार का मुख्य उद्देश्य है कि किसी भी भ्रष्ट व्यक्ति को छोड़ा न जाए और किसी निर्दोष को दंडित न किया जाए। सभी भ्रष्टाचारी एक साथ आ गए हैं क्योंकि जांच की आंच भ्रष्टाचार के मास्टरमाइंड तक पहुंच रही है।’’
तिहाड़ जेल में सिसोदिया की जान को खतरा होने संबंधी आम आदमी पार्टी (आप) के आरोपों पर तिवारी ने कहा कि यह हास्यास्पद है और कई सवाल खड़े करता है।
उन्होंने कहा, ‘‘दिल्ली की जेल की कमान दिल्ली सरकार के पास है, जिसके प्रमुख केजरीवाल के निर्देश पर काम करते हैं। ऐसे में सिसोदिया की जान को खतरा कैसे हो सकता है?’’
तिवारी ने यह भी कहा कि जेल के अंदर सिसोदिया की सुरक्षा बढ़ाई जानी चाहिए।
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पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, अरविंद केजरीवाल, तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव सहित नौ विपक्षी नेताओं ने पांच मार्च को प्रधानमंत्री मोदी को एक संयुक्त पत्र लिखकर विपक्ष के सदस्यों के खिलाफ केंद्रीय एजेंसियों के ‘घोर दुरुपयोग’ का आरोप लगाया था।
पत्र पर हस्ताक्षर करने वालों में पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के शरद पवार, जम्मू कश्मीर नेशनल कांफ्रेंस के फारूक अब्दुल्ला, शिवसेना के उद्धव ठाकरे और समाजवादी पार्टी के अखिलेश यादव शामिल हैं।
उन्होंने पत्र में लिखा था, ‘‘विपक्ष के सदस्यों के खिलाफ केंद्रीय एजेंसियों का घोर दुरुपयोग यह दर्शाता है कि हम लोकतंत्र से निरंकुशता में बदल गए हैं... केंद्रीय एजेंसियों और राज्यपाल जैसे संवैधानिक पदों का दुरुपयोग चुनावी मैदान के बाहर हिसाब बराबर करने के लिए किया जाना निंदनीय है, क्योंकि यह हमारे लोकतंत्र के लिए अच्छा नहीं है।