आवारा कुत्तों से जुड़े जन्म नियंत्रण कार्यक्रम को मान्यता प्राप्त संगठनों से कराया जाए: केंद्र

केंद्र ने मंगलवार को स्थानीय निकायों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि सिर्फ मान्यता प्राप्त संगठन ही हाल में अधिसूचित नियमों के अनुसार आवारा कुत्तों की नसबंदी और टीकाकरण के लिए पशु जन्म नियंत्रण कार्यक्रम संचालित करें।

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 18 April 2023, 9:13 PM IST
google-preferred

नई दिल्ली: केंद्र ने मंगलवार को स्थानीय निकायों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि सिर्फ मान्यता प्राप्त संगठन ही हाल में अधिसूचित नियमों के अनुसार आवारा कुत्तों की नसबंदी और टीकाकरण के लिए पशु जन्म नियंत्रण कार्यक्रम संचालित करें।

मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय ने एक विज्ञप्ति में कहा कि नगर निगमों को संयुक्त रूप से पशु जन्म नियंत्रण कार्यक्रम (एबीसी) तथा रेबीज रोधी कार्यक्रम को कार्यान्वित करने की आवश्यकता है।

विज्ञप्ति में कहा गया है कि भारत पशु कल्याण बोर्ड और ‘पीपुल फॉर इलिमिनेशन ऑफ स्ट्रे ट्रबल्स’ के बीच एक मामले में उच्चतम न्यायालय के दिशा-निर्देशों के बाद पशु जन्म नियंत्रण नियम, 2023 जारी किया गया है।

मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय द्वारा 10 मार्च को अधिसूचित 2023 के नियमों ने पशु क्रूरता रोकथाम अधिनियम,1960 के तहत पशु जन्म नियंत्रण (कुत्ता) नियमों की जगह ली है।

नए नियमों के अनुसार, आवारा कुत्तों की नसबंदी और टीकाकरण के लिए पशु जन्म नियंत्रण कार्यक्रम संबद्ध स्थानीय निकायों को मान्यता प्राप्त संगठनों द्वारा संचालित कराना होगा।

No related posts found.