बिहार: विशेष एनआईए अदालत ने जाली नोट मामले में व्यक्ति को 10 साल के कठोर कारावास की सज़ा सुनाई
बिहार में एनआईए की एक विशेष अदालत ने जाली नोट मामले में एक व्यक्ति को सोमवार को 10 साल के कठोर कारावास की सज़ा सुनाई। राष्ट्रीय अन्वषेण अभिकरण (एनआईए) के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
नयी दिल्ली: बिहार में एनआईए की एक विशेष अदालत ने जाली नोट मामले में एक व्यक्ति को सोमवार को 10 साल के कठोर कारावास की सज़ा सुनाई। राष्ट्रीय अन्वषेण अभिकरण (एनआईए) के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक मुन्ना सिंह (46) को पांच सितंबर को विशेष अदालत ने दोषी पाया था। इस मामले में दोषी ठहराए जाने वाला वह छठा आरोपी था।
संघीय एजेंसी के एक प्रवक्ता ने बताया कि अदालत ने सिंह पर पांच हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
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अधिकारी ने कहा कि उसे भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत 10 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई गई और पांच हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया।
उन्होंने बताया कि गैर कानूनी गतिविधि (रोकथाम) कानून के तहत भी उसे पांच साल के कठोर कारावास की सज़ा सुनाई गई और पांच हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया। दोनों सज़ाएं साथ-साथ चलेंगी।
मामला 19 सितंबर 2015 को दर्ज किया गया था और उसी वर्ष 23 दिसंबर को एनआईए ने मामले को अपने हाथ में ले लिया था।
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अफरोज़ अंसारी नामक व्यक्ति से 5.94 लाख रुपये कीमत मूल्य के भारतीय मुद्रा के जाली नोट की बरामदगी से संबंधित मामले में कुल 10 आरोपी शामिल थे।
राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) ने उसे पूर्वी चंपारण के मोतिहारी के रामगढ़वा के पास से पकड़ा था। उस वक्त वह जाली नोट की खेप को नेपाल पहुंचाने के वास्ते इसे भारत-नेपाल सीमा के पास रक्सौल ले जा रहा था।