बिहार भोक्ता हत्या मामला: एनआईए ने तीन लोगों के खिलाफ दूसरा पूरक आरोपपत्र दाखिल किया
राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने प्रतिबंधित भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) के कार्यकर्ताओं द्वारा 2018 में की गई एक व्यक्ति की निर्मम हत्या के मामले में तीन लोगों के खिलाफ दूसरा पूरक आरोपपत्र दाखिल किया है।
नई दिल्ली: राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने प्रतिबंधित भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) के कार्यकर्ताओं द्वारा 2018 में की गई एक व्यक्ति की निर्मम हत्या के मामले में तीन लोगों के खिलाफ दूसरा पूरक आरोपपत्र दाखिल किया है।
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) के कार्यकर्ताओं ने 2018 में नरेश सिंह भोक्ता का कथित तौर पर अपहरण कर उसकी हत्या कर दी थी।
संघीय एजेंसी के एक प्रवक्ता ने बताया कि विनय यादव उर्फ कमल उर्फ मुराद तथा उर्फ गुरु जी, नवल जी उर्फ नवल भुइयां उर्फ अर्जुन भुइयां और जलेबिया यादव उर्फ विनय के खिलाफ भारतीय दंड संहिता और गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत पटना में एनआईए की विशेष अदालत में आरोपपत्र दाखिल किया गया है। ये सभी बिहार के निवासी हैं।
हत्या के मामले में झारखंड तथा बिहार में सात स्थानों पर राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) के छापेमारी करने के कुछ दिन बाद यह आरोपपत्र दाखिल किया गया।
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गौरतलब है कि दो नवंबर 2018 को नरेश सिंह भोक्ता का अपहरण कर लिया गया था और उसी रात उसकी हत्या कर दी गई थी। भाकपा (माओवादी) ने भोक्ता को संगठन की एक तथाकथित जन अदालत में पुलिस का मुखबिर करार दिया था। इसके बाद उसकी हत्या कर दी गई। उसका शव बिहार के औरंगाबाद जिले के मदनपुर थाना क्षेत्र के बढ़ई बिगहा गांव के पास मिला था।
मामले की जांच पहले बिहार पुलिस कर रही थी। एनआईए ने पिछले साल 24 जून को इस मामले को अपने हाथ में लिया था। इस संबंध में अभी तक कुल नौ लोगों को गिरफ्तार किया गया है। एजेंसी ने 25 फरवरी को एक आरोपी के खिलाफ एक पूरक आरोपपत्र दाखिल किया था।
प्रवक्ता ने बताया कि मामले में एनआईए द्वारा की जा रही जांच में, लोगों को आतंकित करने के उद्देश्य से की गई भोक्ता की नृशंस हत्या की साजिश रचने में भाकपा (माओवादी) के कई शीर्ष कमांडर की संलिप्तता का खुलासा हुआ है।
अधिकारी ने बताया कि हत्या के मामले में कई हथियार और वाहन भी बरामद किए गए हैं।
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एनआईए के अनुसार, सोमवार को जिन तीन आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया गया, वे तीनों भाकपा (माओवादी) संगठन के सदस्य हैं और उन्हें 15 दिसंबर 2022 को गिरफ्तार किया गया था।