Harishankar Tiwari Passes Away: पूर्व कैबिनेट मंत्री हरिशंकर तिवारी का गोरखपुर में हुआ निधन
गोरखपुर की राजनीति के कद्दावर चेहरे और राज्य के पूर्व कैबिनेट मंत्री हरिशंकर तिवारी का गोरखपुर में निधन हो गया है। पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर
गोरखपुर: इलाके की राजनीति के कद्दावर चेहरे और राज्य के पूर्व कैबिनेट मंत्री हरिशंकर तिवारी का गोरखपुर में निधन हो गया है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक श्री तिवारी ने शाम सात बजे के आसपास अंतिम सांस ली।
यह खबर सुनते ही उनके समर्थकों में शोक की लहर दौड़ गयी और उनके चाहने वाले धर्मशाला स्थित आवास पर पहुंचने लगे।
वे 90 वर्ष के थे और अंतिम समय में बीमार चल रहे थे।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक हरिशंकर तिवारी ने अपना पहला चुनाव 1985 में निर्दलीय लड़ा था, फिर विभिन्न दलों के टिकट पर चुनाव लड़ा और जीते।
तीन बार कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़कर जीते।
गोरखपुर की चिल्लूपार उनकी राजनीतिक कर्मभूमि विधानसभा क्षेत्र के रुप में रही। तिवारी इस सीट से लगातार 22 वर्षों 1985 से 2007 तक विधायक रहे।
वे 1997 से 2002 तक भाजपा की सरकार में विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री रहे।
उनके दो पुत्र भीष्म शंकर तिवारी और विनय शंकर तिवारी हैं। भीष्म शंकर खलीलाबाद से बसपा के टिकट पर सांसद रहे हैं तो विनय शंकर चिल्लूपार से बसपा के टिकट पर विधायक रहे हैं।
पूर्व मंत्री हरिशंकर तिवारी के भांजे गणेश शंकर पांडेय चार बार उत्तर प्रदेश में एमएलसी और एक बार 2010 से 2016 तक उत्तर प्रदेश विधान परिषद के सभापति रहे हैं।
एक वक्त 1980 से 1990 के बीच का ऐसा था जब हरिशंकर तिवारी और वीरेन्द्र शाही के बीच राजनीतिक दुश्मनी उफान पर थी और गोरखपुर में इनकी तूती बोलती थी।