कांग्रेस को तगड़ा झटका, भाजपा में शामिल हुए केरल के पूर्व मुख्यमंत्री ए.के. एंटनी के बेटे अनिल एंटनी
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं केरल के पूर्व मुख्यमंत्री ए के एंटनी के बेटे अनिल एंटनी बृहस्पतिवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गये।
नई दिल्ली: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं केरल के पूर्व मुख्यमंत्री ए के एंटनी के बेटे अनिल एंटनी बृहस्पतिवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गये।
केंद्रीय मंत्री व राज्यसभा में सदन के नेता पीयूष गोयल, केंद्रीय मंत्री वी मुरलीधरन, पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुघ, राज्यसभा सदस्य व भाजपा के मुख्य प्रवक्ता अनिल बलूनी की मौजूदगी में अनिल एंटनी ने यहां भाजपा मुख्यालय में पार्टी की सदस्यता ग्रहण की।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार भाजपा में शामिल होते ही एंटनी ने कांग्रेस पर निशाना साधा और कहा कि उनका धर्म राष्ट्र के लिए काम करना है ना कि एक परिवार के लिए काम करना।
संस्कृत के प्रचलित श्लोक ‘धर्मो रक्षति रक्षित:’ का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘आजकल कांग्रेस के नेताओं और कार्यकर्ताओं को लगता है कि उनका धर्म एक परिवार के लिए काम करना है। मेरा धर्म राष्ट्र के लिए काम करना है।’’
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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कार्यों की सराहना करते हुए एंटनी ने कहा कि विकसित राष्ट्र बनाने को लेकर उनका दृष्टिकोण स्पष्ट है और इसमें योगदान देना उनका कर्तव्य है।
अनिल ने इसी साल जनवरी महीने में कांग्रेस पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया था। वह कांग्रेस की केरल इकाई के डिजिटल मीडिया विभाग के प्रमुख भी रह चुके हैं।
भाजपा में अनिल का स्वागत करते हुए गोयल ने उन्हें एक ‘जमीनी राजनीतिक कार्यकर्ता’ बताया और कहा कि वह इस बात से सहमत है कि भाजपा देश की परवाह करती है। उन्होंने कहा कि सतत विकास के प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण से भी वह सहमत हैं।
यह पूछे जाने पर कि क्या उन्होंने भाजपा में शामिल होने से पहले अपने पिता से सलाह ली थी, अनिल ने कहा, ‘‘यह व्यक्तित्व के बारे में नहीं है, यह विचारों और विचारों के अंतर के बारे में है। मेरा दृढ़ विश्वास है कि मैंने सही कदम उठाया है। मेरे पिता के लिए मेरा सम्मान पहले जैसा ही रहेगा।’’
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अनिल ने गुजरात में 2002 में हुए दंगों पर आधारित ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन (बीबीसी) के वृत्तचित्र को भारतीय संस्थानों के विचारों से अधिक महत्व दिए जाने को खतरनाक चलन बताते हुए कहा था कि इससे देश की संप्रभुता प्रभावित होगी।
इस प्रतिक्रिया के बाद उन्हें कांग्रेस के भीतर आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा था। इसके बाद उन्होंने पार्टी में अपने सभी पदों से इस्तीफा दे दिया था।
उल्लेखनीय है कि ए के एंटनी कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हैं और वह केंद्र सरकार में रक्षा मंत्री जैसे महत्वपूर्ण पद पर रह चुके हैं।