विधानसभा चुनाव से पहले मध्य प्रदेश में शिवराज मंत्रिपरिषद का विस्तार, जानिये किन विधायकों को मिली कैबिनेट में जगह

डीएन ब्यूरो

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने साल के अंत में होने वाले राज्य विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले शनिवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के तीन विधायकों को मंत्रियों के रूप में शामिल करके अपने मंत्रिमंडल का विस्तार किया। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

शिवराज सरकार में तीन नये मंत्री शामिल
शिवराज सरकार में तीन नये मंत्री शामिल


भोपाल: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने साल के अंत में होने वाले राज्य विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले शनिवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के तीन विधायकों को मंत्रियों के रूप में शामिल करके अपने मंत्रिमंडल का विस्तार किया।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक इसके साथ ही चौहान के नेतृत्व वाले मंत्रिमंडल में अब 34 सदस्य हो गए हैं। राज्य के राज्यपाल मंगूभाई पटेल ने सुबह करीब नौ बजे यहां राजभवन में तीन विधायकों को मंत्री पद की शपथ दिलाई। पूर्व मंत्री, ब्राह्मण नेता और विंध क्षेत्र के रीवा से चार बार विधायक राजेंद्र शुक्ला, महाकोशल क्षेत्र के बालाघाट से सात बार विधायक एवं मध्य प्रदेश पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष गौरीशंकर बिसेन और बुंदेलखंड क्षेत्र में टीकमगढ़ जिले के खरगापुर से विधायक राहुल लोधी ने मंत्री पद की शपथ ली।

राजभवन के एक अधिकारी ने बताया कि शुक्ला और बिसेन ने कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली, वहीं लोधी ने राज्य मंत्री के रूप में शपथ ली। उन्हें अभी तक विभागों का आवंटन नहीं किया गया है।

लोधी भाजपा की वरिष्ठ नेता उमा भारती के भतीजे हैं।

बिसेन (71) और लोधी (46) अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) समुदाय से हैं, जो मध्य प्रदेश की आबादी का 45 प्रतिशत से अधिक है।

शुक्ला के शामिल होने से विंध क्षेत्र से मंत्रियों की संख्या चार हो जाएगी जबकि बिसेन के आने से महाकौशल इलाके से दो तथा लोधी के शामिल होने से बुंदेलखंड से मंत्रियों की संख्या पांच हो जाएगी।

केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल के छोटे भाई जालम सिंह और भाजपा एससी (अनुसूचित जाति) मोर्चा के अध्यक्ष लालसिंह आर्य के नाम भी चर्चा में थे लेकिन वे कैबिनेट में जगह नहीं बना सके।

मंत्रिमंडल के विस्तार के साथ भाजपा ने तीन महीने से भी कम समय में होने वाले चुनावों से पहले मध्य प्रदेश में जातीय और क्षेत्रीय समीकरण को संतुलित करने की कोशिश की है।

मध्य प्रदेश में पिछला विधानसभा चुनाव 28 नवंबर, 2018 को हुआ था।










संबंधित समाचार