Bharat Jodo Nyay Yatra: क्या है भारत जोड़ो न्याय यात्रा? सुनें पार्टी महासचिव जयराम रमेश की जुबानी

डीएन ब्यूरो

कांग्रेस ने अपनी 'भारत जोड़ो न्याय यात्रा ' की शुरुआत से एक दिन पहले दावा किया कि यह यात्रा चुनावी नहीं, बल्कि वैचारिक यात्रा है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

सांकेतिक फोटो
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इंफ़ाल: कांग्रेस ने अपनी 'भारत जोड़ो न्याय यात्रा ' की शुरुआत से एक दिन पहले शनिवार को दावा किया कि यह यात्रा चुनावी नहीं, बल्कि वैचारिक यात्रा है तथा यह पिछले 10 साल के 'अन्याय काल' के खिलाफ निकाली जा रही है।

पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) पर निशाना साधते हुए यह भी कहा कि आज देश के सामने एक ऐसी विचारधारा की चुनौती है जो ध्रुवीकरण, अमीरों को और अमीर बनाने तथा राजनीतिक तानाशाही में विश्वास करती है।

डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के अनुसार कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि देश में अब लोकतंत्र कम, 'एक तंत्र' ज्यादा है।

उन्होंने संवाददाताओं से कहा, 'पहले कांग्रेस ने 'भारत जोड़ो यात्रा' निकाली थी जो देश की राजनीति के लिए परिवर्तनकारी क्षण लेकर आयी...पहला कदम 'भारत जोड़ो यात्रा' था और दूसरा कदम 'भारत जोड़ो न्याय यात्रा' है।'

रमेश ने दावा किया, 'आजकल प्रधानमंत्री देश को अमृतकाल के सुनहरे सपने दिखा रहे हैं, जबकि हकीकत यह है कि पिछले 10 साल अन्याय काल निकले। अन्याय काल की कोई बात नहीं होती, सिर्फ अमृतकाल की बड़ी बड़ी बातें होती हैं।'

उनका कहना था कि यह यात्रा सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक अन्याय के खिलाफ है।

रमेश ने कहा, 'संविधान की बुनियाद न्याय है, इसलिए 'भारत जोड़ो न्याय यात्रा' निकाली जा रही है।''

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यह एक राजनीतिक पार्टी की यात्रा है, लेकिन यह वैचारिक यात्रा है, चुनावी यात्रा नहीं है।

कांग्रेस महासचिव रमेश ने कहा, ' आज सबसे बड़ी चुनौती यह है कि हम एक ऐसी विचारधारा का सामना कर रहे हैं जो ध्रुवीकरण करने वाली, अमीरों को और अमीर बनाने की बात करने वाली है तथा राजनीतिक तानाशाही में विश्वास करती है।''

उन्होंने आरोप लगाया, 'आज संविधान और संसद को नजरअंदाज किया जा रहा है। आज लोकतंत्र कम, एक तंत्र ज्यादा है। यह एक ही व्यक्ति का तंत्र है।''

कांग्रेस रविवार से राहुल गांधी के नेतृत्व में मणिपुर से 'भारत जोड़ो न्याय यात्रा' शुरू करेगी जिसके जरिये उसका प्रयास होगा कि लोकसभा चुनाव में बेरोजगारी, महंगाई और सामाजिक न्याय से जुड़े मुद्दों को विमर्श के केंद्रबिंदु में लाए जाए।

यह यात्रा 14 जनवरी को मणिपुर की राजधानी इंफाल के निकट थोबल से शुरू होगी और मार्च के तीसरे सप्ताह में मुंबई में इसका समापन होगा।

कांग्रेस का कहना है कि लोकसभा चुनाव से पहले निकाली जा रही यह यात्रा 67 दिन में 15 राज्यों और 110 जिलों से होकर गुजरेगी।










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