बेनामी संपत्ति: उच्च न्यायालय ने कुर्की के खिलाफ मुख्तार के सहयोगी की याचिका खारिज की

डीएन ब्यूरो

इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने माफिया मुख्तार अंसारी के एक कथित सहयोगी द्वारा हाल में उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले स्थित एक बेनामी संपत्ति की कुर्की के खिलाफ दायर याचिका खारिज कर दी है।

कुर्की  (फाइल)
कुर्की (फाइल)


लखनऊ: इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने माफिया मुख्तार अंसारी के एक कथित सहयोगी द्वारा हाल में उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले स्थित एक बेनामी संपत्ति की कुर्की के खिलाफ दायर याचिका खारिज कर दी है।

आयकर विभाग के लखनऊ मुख्यालय वाली बेनामी संपत्ति जांच इकाई ने बेनामी लेन-देन (निषेध) संशोधन अधिनियम, 2016 के प्रावधानों के तहत अप्रैल में एक अनंतिम आदेश जारी किए जाने के बाद जिले में सदर तहसील के तहत मौजा कपूरपुर एनजेडए में स्थित संपत्ति को कुर्क किया था।

लगभग 12 करोड़ रुपये के अनुमानित बाजार मूल्य वाली भूमि को आयकर विभाग ने मई में कुर्क किया था। आयकर विभाग के आदेश के अनुसार, इस मामले में बेनामीदार (जिसके नाम पर बेनामी संपत्ति है) की पहचान अंसारी के कथित सहयोगी और पड़ोसी गणेश दत्त मिश्रा के रूप में की गई थी, जबकि ‘‘लाभार्थी मालिक’’ अंसारी था।

बेनामी संपत्ति ऐसी होती है, जिसमें वास्तविक लाभार्थी वह नहीं होता, जिसके नाम पर संपत्ति खरीदी गई है।

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मिश्रा ने 31 मई को उच्च न्यायालय के समक्ष एक रिट याचिका दायर की थी और आयकर विभाग के कुर्की आदेश को इस आधार पर चुनौती दी थी कि वह ‘‘अंसारी का बेनामीदार नहीं है’’, जैसा कि आयकर विभाग द्वारा आरोप लगाया गया था।

यह भी कहा गया कि आयकर विभाग के अधिकारियों के पास संपत्ति कुर्क करने का कोई उचित कारण नहीं था, क्योंकि नवंबर, 2021 में गाजीपुर में एक सिविल कोर्ट द्वारा मिश्रा के खिलाफ किसी अन्य व्यक्ति द्वारा दायर याचिका पर इसकी खरीद-बिक्री के खिलाफ पहले से ही एक स्थगन आदेश जारी किया गया था।

न्यायमूर्ति ज्योत्सना शर्मा और न्यायमूर्ति रजनीश कुमार की पीठ ने नौ जून को अपने आदेश में कहा कि मिश्रा द्वारा रिट याचिका बेबुनियाद आधार पर दायर की गई थी, इसलिए यह खारिज की जाती है।

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, उच्च न्यायालय द्वारा याचिका को खारिज करने से अंसारी की लगभग 22 और कथित बेनामी संपत्तियों को कुर्क करने के आयकर विभाग के अभियान को बल मिलेगा, जिसका बाजार मूल्य 100 करोड़ रुपये से अधिक होने का अनुमान है।

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अंसारी के खिलाफ अलग-अलग राज्यों में 61 आपराधिक मामले दर्ज हैं, जिनमें से छह में वह दोषी करार दिया जा चुका है।

वाराणसी की एक अदालत ने पिछले हफ्ते अंसारी को कांग्रेस नेता अजय राय के भाई अवधेश राय की 30 साल पहले हत्या करने के आरोप में आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। अप्रैल में गाजीपुर की एक अदालत ने गैंगस्टर एक्ट के तहत उसे 10 साल कैद की सजा सुनाई थी।

 










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