बहराइच: नशाखोरों की गिरफ्त में इंडो-नेपाल सीमा, पुलिस बनी मूकदर्शक

डीएन ब्यूरो

भारत-नेपाल सीमा पर नशे का कारोबार थमने का नाम नही ले रहा है। यहां बड़े पैमाने पर पुलिस की मिलीभगत से अफीम, चरस, हीरोइन व स्मैक का काला कारोबार चरम पर है, जिससे कई लोगों की जिंदगी अकाल लौत के मुंह में समा रही है।



बहराइच: भारत-नेपाल सीमा पर नशे का कारोबार थमने का नाम नही ले रहा है। यहां बड़े पैमाने पर पुलिस की मिलीभगत से अफीम, चरस, हीरोइन व स्मैक की बिक्री की जा रही है। तस्कर खुलेआम नशे के कारोबार कर रहे हैं। जबकि कई सामाजिक संगठन चौपाल लगा कर लोगों जागरूकता कार्यक्रम भी चमा रहे है, लेकिन इसके बावजूद भी यह काला कारोबार पूरी तरह परवान चढ़ा हुआ है।

 

 

सामाजिक संगठनों और लोगों का मानना है कि इस काले धंधे में कारोबारियों व पुलिस की मिलीभगत साफ झलक रही है। इसी वजह से मादक पदार्थो के व्यापारी बेख़ौफ़ होकर यह कारोबार को कर रहे हैं।

रुपईडीहा में हो रहे इस नशे के कारोबार के विरुद्व कई बार केवलपुर प्रधानपति जुबेर फारूकी ने अधिकारियों के समक्ष आवाज उठाई, लेकिन इस पर फिर भी कोई लगामा नही लगाया जा सका। जुबेर फारूकी ने बताया कि यह धंधा यहां बड़े पैमाने पर चल रहा है। शिकायतों के बाद भी पुलिस कोई कार्यवाही नहीं कर रही है।

 

 

विधान परिषद के पूर्व नेता विंध्यवासिनी कुमार का कहना है कि बॉर्डर पर बड़े पैमाने पर नशे का कारोबार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इसको लेकर मैं अधिकारियों से बात करता हूँ, जल्द ही ऐसे लोगों की गिरफ्तारी होगी।

इस सम्बन्ध में जब एसपी जुगुल किशोर से बात की गयी तो उनका कहना था कि ने उनके संज्ञान में ऐसी कोई जानकारी नही थी, अब इस धंधे से जुड़े लोगों के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही की जाएगी। 
 










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