बलिया: वकीलों और राजस्वकर्मियों में ठनी, कानूनगो की पिटाई के बाद आंदोलन की धमकी, जानिये पूरा मामला

डीएन ब्यूरो

उत्तर प्रदेश के बलिया जनपद में अधिवक्ताओं द्वारा कानूनगो को पीटने का मामला सामने आया है। दोनों पक्षों की ओर से पुलिस को तहरीर दे गई है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

वकीलों और राजस्वकर्मियों में ठनी
वकीलों और राजस्वकर्मियों में ठनी


बलिया: शहर कोतवाली गेट के सामने बुधवार दोपहर को अधिवक्ताओं ने विकास खंड सोहांव के मौजा करेन्जा क्षेत्र के कानूनगो की जमकर पिटाई कर दी। मारपीट के बाद भगदड़ की स्थिति उत्पन्न हो गई। वकीलों ने कानूनगो पर धन उगाही का आरोप लगाया है। वहीं दोनों पक्षों की ओर से पुलिस को तहरीर दी गई है। राजस्वकर्मियों ने 24 घंटे के अंदर आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी है। 

डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के मुताबिक अधिवक्ताओं का आरोप है कि राजस्व विभाग के लेखपाल और कानूनगो बिना पैसा लिए कोई काम नहीं करते हैं। 

दूसरी तरफ कानूनगो व लेखपालों का कहना है कि प्रभारी कोतवाली के नहीं रहने पर वे वापस लौट रहे थे, तभी अधिवक्ता ओमप्रकाश व हर्षित दुबे समेत लोगों ने कोतवाली गेट के सामने कानूनगो मोतीलाल राम की जमकर पिटाई कर दी और आवेदन पत्र को फाड़ नारेबाजी करने लगे। 

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इस मामले में दोनों पक्ष ने कोतवाली में तहरीर दिया।  इस मामले में कोतवाली पुलिस ने कानून के तहरीर पर दो अधिवक्ता समेत 10 अज्ञात के विरुद्ध एससी-एसटी के अलावा  मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दिया है।

मिली जानकारी के अनुसार यूपी के सुल्तानपुर जिला निवासी मोती लाल राम बलिया जिले के विकास खंड सोहांव ब्लॉक के करेन्जा गांव अंतर्गत कानून के पद पर तैनात है। वे छह जुलाई को एसडीएम बलिया के आदेश के क्रम में करेन्जा गांव निवासी वादी प्रेमशंकर यादव के आवेदन पर विवादित जमीन पर नापी करने हल्का लेखपाल विपिन सिंह के साथ गए हुए थे। 

आरोप है कि इस दौरान लोगों द्वारा कानूनगो के साथ गाली गलौज, जाति सूचक शब्द व मारपीट की गई। जिनके विरुद्ध तहरीर लेकर सात जुलाई को पीड़ित कानूनगो मोतीलाल राम अपने कुछ साथियों के साथ शहर कोतवाली गए हुए थे। जहां प्रभारी निरीक्षक के नहीं रहने पर वे लोग वापस लौट रहे थे। 

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आरोप है कि तभी अधिवक्ता ओम प्रकाश व उनके पुत्र हर्षित दुबे समेत अज्ञात 10 लोगों ने कोतवाली गेट के सामने उनकी जमकर पिटाई कर दी। जिसमें कानूनगो को काफी चोटें आई। उधर घटना की जानकारी होने पर अन्य अधिवक्तागण कोतवाली पहुंच गए और जमकर हंगामा किया। 

अधिवक्ताओं का आरोप था कि जनपद के लेखपाल व कानूनगो बिना पैसा लिए कोई काम नहीं करते है। उनके द्वारा मारपीट करने का आरोप बेबुनियाद है। उधर अधिवक्ताओं की ओर से वादी प्रेम शंकर यादव निवासी चौरा ने तहरीर दिया और उसमें उल्लेख किया है कि सात जुलाई को हम अपने अधिवक्ता के साथ तहसील बलिया में एसडीएम से शिकायत करने गए हुए थे। जहां हल्का कानूनगो मोतीलाल राम व लेखपाल विपिन सिंह ने उनसे 50 हजार रुपया मांगा और कहाकि बिना पैसा दिए काम नहीं होगा। 

जब विरोध किया तो उनके साथ गाली-गलौज किया। जब बाहर निकला तो दोनों ने उनके पॉकेट से पांच हजार रुपया छीन लिया। इस मामले में दोनों पक्ष ने कोतवाली में तहरीर दिया। जिसके बाद पुलिस छानबीन में जुट गई। कोतवाली पहुंचे राजस्व संगठन ने चेताया कि अगर 24 घंटे के अंदर आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हुई तो व्यापक स्तर पर आंदोलन किया जाएगा। 

इस बाबत शहर कोतवाल योगेंद्र बहादुर सिंह ने बताया कि अधिवक्ता समेत 10 अज्ञात के विरुद्ध एससी-एसटी के अलावा मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दिया है।










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