असम में डीजीपी के हस्तक्षेप के बाद मिला खनिक का शव
असम के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) के हस्तक्षेप के बाद तीन महीने पहले लापता हुए एक खनिक का शव राज्य के तिनसुकिया जिले की एक कोयला खदान में शुक्रवार को मिला। पुलिस के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।
तिनसुकिया: असम के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) के हस्तक्षेप के बाद तीन महीने पहले लापता हुए एक खनिक का शव राज्य के तिनसुकिया जिले की एक कोयला खदान में शुक्रवार को मिला। पुलिस के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।
पुलिस अधिकारी के मुताबिक खनिक प्रांजल मोरन के छह जनवरी को लापता होने के सिलसिले में अब तक तीन लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है और पुलिस ने इस मामले में किसी साजिश से इनकार नहीं किया है।
उन्होंने बताया कि पुलिस, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) द्वारा पिछले सप्ताह कोलियरी खनन क्षेत्र में शव का पता लगाने के लिए अभियान शुरू किया गया था।
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पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘‘प्रांजल मोरन का शव तिकाक कोलियरी खनन क्षेत्र से शुक्रवार की सुबह बरामद किया गया। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘आवश्यक औपचारिकताएं पूरी करने के बाद शव उनके परिवार को सौंप दिया जाएगा।’’
प्रांजल मोरन छह जनवरी को काम के सिलसिले में घर से निकला था और उसी दिन लापता हो गया था।
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प्रांजल का पता लगाने में असमर्थ उसकी पत्नी ने पिछले सप्ताह पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) जी. पी. सिंह से मुलाकात की थी और उनकी मदद मांगी थी।
प्रांजल मोरन के परिवार ने उसके लापता होने के पीछे अवैध कोयला कारोबार से जुड़े लोगों की संलिप्तता का आरोप लगाया था।
डीजीपी सिंह ने पुलिस महानिरीक्षक जीतमल डोले को मोरन का पता लगाने के प्रयास शुरू करने का निर्देश दिया था, जिसके कारण तीन महीने बाद शुक्रवार को उसका शव बरामद किया गया।