जलियांवाला बाग नरसंहार की घटना ब्रिटेन के लिए बेहद शर्मनाक : ब्रिटिश उच्‍चायुक्‍त

डीएन ब्यूरो

अमृतसर के जलियांवाला बाग के नरसंहार कांड के आज यानी शनिवार को 100 साल पूरे हो गए हैं। ब्रिटेन ने घटना को ब्रिटिश इतिहास का सबसे शर्मनाक धब्‍बा बताया। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने यहां शहीदों को श्रद्धांजलि दी।

जलियांवाला बाग नरसंहार पर ब्रिटिश उच्‍चायुक्‍त का संदेश
जलियांवाला बाग नरसंहार पर ब्रिटिश उच्‍चायुक्‍त का संदेश


अमृतसर: भारत में मौजूद ब्रिटिश उच्‍चायुक्‍त डोमिनिक एक्‍यूथ ने कहा कि 100 साल पहले हुई यह घटना ब्रिटिश भारतीय इतिहास का शर्मनाक अध्याय है। यह एक बड़ी त्रासदी थी। यहां जो भी हुआ उसका हमें हमेशा खेद रहा है। यह बेहद शर्मनाक था। दु:ख भरे उस क्षण को याद करते हुए मैं यही कहना चाहूंगा कि 21वीं सदी में भारत और ब्रिटेन विकास के लिए प्रतिबद्ध होकर बराबरी के साथ काम करेंगे। ब्रिटिश उच्‍चायुक्‍त ने शहीद स्‍मारक पर श्रद्धांजलि अर्पित की। 

जलियांवाला बाग नरसंहार पर संदेश लिखते ब्रिटिश उच्‍चायुक्‍त

कांग्रेस अध्‍यक्ष राहुल गांधी, पंजाब के मुख्‍यमंत्री कैप्‍टन अमरिंदर सिंह ने भी शहीद स्‍मारक पर श्रद्धांजलि अर्पित की। 

शहीदों को श्रद्धांजलि देते हुए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी

शताब्‍दी समारोह का हो रहा आयोजन
शनिवार को जलियांवाला बाग के शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए शताब्दी समारोह का आयोजन किया जा रहा है। इस मौके पर शहीदों की याद में सिक्का और डाक टिकट भी जारी किया जाएगा।

सुरक्षा के पुख्‍ता इंतजाम
इस मौके पर जलियांवाला बाग और इसके आसपास के क्षेत्र में कड़ी सुरक्षा है। जलियांवाला बाग के मुख्‍य द्वार सहित पूरे क्षेत्र में पुलिस व अर्द्ध सैनिक बलों के जवान तैनात हैं।

नरसंहार के लिए ब्रिटेन ने अब तक नहीं मांगी माफी
ब्रिटेन की प्रधानमंत्री थेरेसा मे ने भी जलियांवाला बाग नरसंहार पर खेद जताया था। थेरेसा ने बीते दिन ब्रिटेन की संसद में कहा था कि उन्हें इस घटना और इससे पैदा हुए कष्टों पर गहरा दुख है। हालांकि, इस दौरान उन्होंने एक भी बार माफी नहीं मांगी। इस पर संसद में विपक्ष के नेता जेरेमी कॉर्बिन ने थेरेसा से साफ, स्पष्ट और विस्तृत माफी मांगने के लिए कहा था। 

एक हजार से अधिक निहत्‍थे लोगों की हुई थी हत्‍या
ज्ञात हो कि आज ही के दिन 1919 में जनरल डायर ने शांति से सभा कर रहे 1000 से अधिक निहत्‍थे लोगों पर गोलियां चलवाकर उनकी हत्‍या करवा दी थी। ये सभा पंजाब के दो लोकप्रिय नेताओं की गिरफ्तारी और रोलेट एक्ट के विरोध में रखी गई थी।










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