इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने पूर्व सपा विधायक विजय मिश्रा की जमानत याचिका खारिज

डीएन ब्यूरो

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने भदोही जिले के गोपीगंज में जमीन हड़पने के एक मामले में समाजवादी पार्टी (सपा) के पूर्व विधायक विजय मिश्रा की जमानत की अर्जी खारिज कर दी है।

इलाहाबाद उच्च न्यायालय (फाइल)
इलाहाबाद उच्च न्यायालय (फाइल)


प्रयागराज: इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने भदोही जिले के गोपीगंज में जमीन हड़पने के एक मामले में समाजवादी पार्टी (सपा) के पूर्व विधायक विजय मिश्रा की जमानत की अर्जी खारिज कर दी है।

विजय मिश्रा की जमानत याचिका मंगलवार को खारिज करते हुए न्यायमूर्ति समीर जैन ने कहा, “आवेदक उत्तर प्रदेश का एक बहुत प्रभावशाली नेता है और उसके खिलाफ 80 से अधिक मामले दर्ज हैं और 13 मामले अब भी लंबित हैं। इन मामलों की सूची देखने से पता चलता है कि कई मामले गंभीर और जघन्य अपराधों के हैं और दो मामलों में उसे दोषी ठहराया जा चुका है।”

अदालत ने कहा, “इसलिए, इस संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता कि जमानत पर रिहा होने के बाद वह गवाहों को प्रभावित कर सकता है, खासकर तब जब उसके खिलाफ मौजूदा मामले में इस तरह के आरोप लगाए गए हैं।”

मौजूदा मामले में विजय मिश्रा के खिलाफ एक सितंबर, 2021 को प्राथमिकी दर्ज की गई थी जिसमें आरोप है कि उसने और उसके बेटे ने जबरदस्ती शिकायतकर्ता की जमीन हड़प ली। गोपीगंज थाना में दर्ज प्राथमिकी में विजय मिश्रा के साथ ही उसकी पत्नी और बेटे को भी नामजद किया गया है।

शिकायतकर्ता ने प्राथमिकी में यह आरोप भी लगाया है कि मामला दर्ज होने के बाद आवेदक और उसके परिजन शिकायतकर्ता को लगातार धमकी दे रहे हैं और मामला वापस लेने के लिए उस पर दबाव बना रहे हैं।

अदालत ने कहा, “एक व्यक्ति द्वारा किया गया प्रत्येक अपराध इस समाज के खिलाफ अपराध है और यह हमेशा समाज को प्रभावित करता है। यदि एक ऐसे व्यक्ति को जिस पर 80 से अधिक मामले दर्ज हैं, जमानत पर रिहा किया जाता है तो वह दोबारा ऐसे अपराध को अंजाम दे सकता है जिससे समाज को खतरा पैदा हो सकता है और सरकार के लिए कानून व्यवस्था बनाए रखने में समस्या आ सकती है।”

भदोही जिले की ज्ञानपुर विधानसभा सीट से लगातार चार बार विधायक रह चुका विजय मिश्रा वर्तमान में आगरा जेल में बंद है।

 










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