Gangasagar Mela: पश्चिम बंगाल में गंगासागर मेले में इस बार दिखेंगे कई बदलाव, हिंदी भाषी तीर्थयात्रियों को मिलेंगी ये सुविधाएं

डीएन ब्यूरो

गंगासागर मेले में बड़ी संख्या में आने वाले हिंदी भाषी तीर्थयात्रियों को ध्यान में रखते हुए पश्चिम बंगाल सरकार ने सभी संकेत चिह्न (साइनपोस्ट), बैनर और होर्डिंग हिंदी में भी लिखे जाने की विशेष व्यवस्था की है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

गंगासागग मेला की तैयारियां जोरों पर (फाइल)
गंगासागग मेला की तैयारियां जोरों पर (फाइल)


कोलकाता: गंगासागर मेले में बड़ी संख्या में आने वाले हिंदी भाषी तीर्थयात्रियों को ध्यान में रखते हुए पश्चिम बंगाल सरकार ने सभी संकेत चिह्न (साइनपोस्ट), बैनर और होर्डिंग हिंदी में भी लिखे जाने की विशेष व्यवस्था की है ताकि हिंदी भाषी तीर्थयात्रियों को यहां रहने के दौरान किसी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े। एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी।

अधिकारी ने कहा कि राज्य सरकार ने साइनपोस्ट, बैनर, होर्डिंग और दिशा बोर्ड अंग्रेजी और बंगाली के अलावा हिंदी में लिखे जाने का फैसला किया है, ताकि तीर्थयात्रियों को दिशाओं को समझने और दक्षिण 24 परगना जिले में सागर द्वीप तक कैसे पहुंचा जा सके, इसे समझने में मदद मिल सके।

अधिकारी ने बताया, ‘‘गंगासागर मेले के दौरान पश्चिम बंगाल में लाखों हिंदी भाषी तीर्थयात्री आते हैं। यह सुनिश्चित करने के लिए कि उन्हें किसी भी असुविधा का सामना न करना पड़े, हम द्वीप के रास्ते में सभी बैनर, होर्डिंग और दिशा-बोर्ड हिंदी में भी लगाएंगे।’’

नौकरशाह ने कहा कि स्नान घाटों को भी अलग से चिह्नित किया गया है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि गंगासागर में डुबकी लगाने के लिए आने वाले अनपढ़ों को भी कोई कठिनाई न हो।

राज्य सरकार ने मेले की सफल मेजबानी के लिए सभी कदम उठाए हैं क्योंकि गंगासागर मेले में भारी भीड़ उमड़ने की उम्मीद हैं।

‘मकर संक्रांति’ के अवसर पर लाखों हिंदू तीर्थयात्री गंगा नदी और बंगाल की खाड़ी के संगम पर डुबकी लगाने के लिए देश के विभिन्न हिस्सों और बाहर से सागर द्वीप में इकट्ठा होते हैं।

मेला स्थल की सुरक्षा की निगरानी के लिए वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को तैनात किया जाएगा, जो सैटेलाइट फोन, ड्रोन और सीसीटीवी कैमरों का इस्तेमाल करेंगे।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पिछले सप्ताह सागर द्वीप का दौरा किया था और व्यक्तिगत रूप से गंगासागर मेले की व्यवस्था की समीक्षा की थी।










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