वरिष्ठ कांग्रेसी नेता और पूर्व केन्द्रीय इस्पात मंत्री अखिलेश दास का दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। अखिलेश दास के निधन की खबर से लखनऊ में शोक की लहर दौड़ गई है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अखिलेश दास
पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अखिलेश दास का 56 वर्ष की उम्र में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। लखनऊ में अखिलेश ने आज सुबह आखिरी सांस ली।
31 मार्च 1961 को लखनऊ में अखिलेश दास का जन्म हुआ था।
यूपी के बुलंदशहर में 31 मार्च 1961 को जन्में डॉ. अखिलेश दास गुप्ता का खेलों से भी नाता रहा है।
उनके पिता बनारसी दास गुप्ता 1979 से 1980 तक यूपी के मुख्यमंत्री रहे।
अखिलेश ने अपने पिता के नाम पर इंजीनियरिंग कॉलेज भी खोला था। बाबू बनारसी दास इंजीनियरिंग कॉलेज लखनऊ का बेहद प्रतिष्ठित संस्थान है, जहां से हर साल कई इंजीनियर निकलते हैं।
अखिलेश दास गुप्ता वर्ष साल 1993 में लखनऊ के मेयर चुने गए थे।
31 जनवरी को उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले अखिलेश दास ने बहुजन समाज पार्टी छोड़कर कांग्रेस का दामन थामा था।
अखिलेश दास 1996 में कांग्रेस से पहली बार राज्यसभा सांसद बने थे।
साल 2002 में दोबारा कांग्रेस ने उन्हें उच्च सदन तक पहुंचाया। लखनऊ शहर में शिक्षा, राजनीतिक, सामाजिक क्षेत्रों में उनकी भूमिका को याद करने वालों की संख्या लाखों में है।
राज्यसभा का कार्यकाल खत्म होने के बाद साल 2008 में बसपा में वह शामिल हो गए थे।
अखिलेश दास ने 5 नवंबर 2014 को मायावती पर करोड़ों रुपये लेकर राज्यसभा का सांसद बनाने का आरोप लगाकर बसपा छोड़ दी थी और कांग्रेस में शामिल हो गए।
अखिलेश दास BBD विश्वविद्यालय के चेयरमैन भी थे
अखिलेश दास BBD विश्वविद्यालय के चेयरमैन भी थे। उन्होंने बाबू बनारसी दास बैडमिंटन अकादमी भी खोली थी, साथ ही वह खुद एक नेशनल लेवल के बैडमिंटन खिलाड़ी भी रह चुके हैं।
वह इंटरनेशल लेवल के बैडमिंटन खिलाड़ी भी रह चुके हैं।
सक्रिय राजनीति के साथ वो रियल स्टेट, मीडिया और शिक्षण संस्थाओं के व्यवसाय से भी जुड़े थे।
मौजूदा समय में वह बैडमिंटन एसोसिएशन के अध्यक्ष भी थे।
अखिलेश दास एक मिलनसार स्वभाव के व्यक्ति थे उनका लम्बा राजनैतिक और सामाजिक जीवन रहा है।
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