अन्नाद्रमुक प्रमुख पलानीस्वामी को 'पुरैची तमिलर' उपाधि से सम्मानित, जानिये सम्मेलन की खास बातें
अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम(अन्नाद्रमुक) की क्रांतिकारी उपाधियों की विरासत को जारी रखते हुए पार्टी के महासचिव ई.के. पलानीस्वामी को 'पुरैची तमिलर' की उपाधि से नवाजा गया जो उन्हें क्रांतिकारी तमिल बनाती है। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर
मदुरै: अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम(अन्नाद्रमुक) की 'क्रांतिकारी' उपाधियों की विरासत को जारी रखते हुए पार्टी के महासचिव ई.के. पलानीस्वामी को 'पुरैची तमिलर' की उपाधि से नवाजा गया जो उन्हें 'क्रांतिकारी तमिल' बनाती है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार इस उपाधी के साथ अन्नाद्रमुक के महासचिव दल के दिग्गज नेताओं में शामिल हो गए हैं। उन्हें भी दल के संस्थापक एमजी रामचंद्रन (एमजीआर) और जे. जयललिता के साथ क्रांतिकारी कहा जाएगा।
एमजीआर को 'पुरैची थलाइवर' कहा जाता था जबकि उनकी शिष्या जयललिता 'पुरैची थलाइवी' थीं। दोनों उपाधी का अर्थ क्रांतिकारी नेता है। पार्टी कार्यकर्ता अक्सर इन नामों से उनका स्वागत करते थे।
पलानीस्वामी को विभिन्न धर्मों के धर्मगुरुओं के एक समूह ने रविवार को यह उपाधी दी। पलानीस्वामी को मार्च में पार्टी का महासचिव चुना गया था।
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अन्नाद्रमुक का महासचिव चुने जाने के बाद पहली बार अपनी ताकत का प्रदर्शन करते हुए के. पलानीस्वामी ने रविवार को पार्टी के बहुप्रतिक्षित राज्य सम्मेलन का यहां उद्घाटन किया जिसमें हजारों की संख्या में समर्थक शामिल हुए।
पार्टी की स्वर्ण जयंती के मौके पर यह सम्मेलन आयोजित किया गया है। चूंकि 2024 के लोकसभा चुनाव भी नजदीक है, ऐसे में इस सम्मेलन के जरिए अन्नाद्रमुक अपनी चुनावी संभावना को मजबूत करने की कोशिश कर रही है।
अन्नाद्रमुक को 2019 के संसदीय चुनाव में महज एक सीट पर जीत मिली थी।
सम्मेलन स्थल पर अन्नाद्रमुक प्रमुख का भव्य स्वागत किया गया। तमिलनाडु विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष पलानीस्वामी पर हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा की गई।
पूर्व मुख्यमंत्री पलानीस्वामी ने 51 फुट ऊंचा पार्टी का झंडा फहराकर सम्मेलन की शुरुआत की। उन्हें राजदंड भी सौंपा गया।
पलानीस्वामी द्वारा दिन में सम्मेलन को संबोधित करने का कार्यक्रम है। उन्हें इस साल मार्च में पार्टी महासचिव के पद के लिए चुना गया था।