

उत्तर प्रदेश नगर निकाय चुनाव में ओबीसी आऱक्षण पर आये हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच के फैसले के बाद समाजवादी पार्टी ने यूपी की योगी सरकार को पिछड़ा विरोधी बताया। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
लखनऊ: यूपी नगर निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण को लेकर हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने मंगलवार को अपना फैसला सुना दिया है। कोर्ट ने सरकार को ओबीसी आरक्षण के बिना ही निकाय चुनाव कराने का आदेश दिया है। इसके साथ ही कोर्ट में यूपी सरकार के प्रस्ताव को भी खारिज कर दिया है। कोर्ट के फैसले के बाद समाजवादी पार्टी ने यूपी की योगी सरकार पर हमला बोला और योगी सरकार को पिछड़ा विरोधी करार दिया।
हाई कोर्ट के आदेश के बाद समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने यूपी की योगी सरकार को घेरा है। अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा ने पिछड़ों के आरक्षण का हक़ छीना है। समाजावीद पार्टी ने कहा कि पहले पिछड़ों का आरक्षण और फ़िर चुनाव हो।
अखिलेश यादव ने हाईकोर्ट के आदेश के बाद एक ट्विट किया। जिसमें उन्होंने लिखा “आज आरक्षण विरोधी भाजपा निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण के विषय पर घड़ियाली सहानुभूति दिखा रही है। आज भाजपा ने पिछड़ों के आरक्षण का हक़ छीना है,कल भाजपा बाबा साहब द्वारा दिए गये दलितों का आरक्षण भी छीन लेगी। आरक्षण को बचाने की लड़ाई में पिछडों व दलितों से सपा का साथ देने की अपील है।“
आज आरक्षण विरोधी भाजपा निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण के विषय पर घड़ियाली सहानुभूति दिखा रही है। आज भाजपा ने पिछड़ों के आरक्षण का हक़ छीना है,कल भाजपा बाबा साहब द्वारा दिए गये दलितों का आरक्षण भी छीन लेगी।
आरक्षण को बचाने की लड़ाई में पिछडों व दलितों से सपा का साथ देने की अपील है।
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) December 27, 2022
समाजवादी पार्टी ने एक ट्विट में कहा “भाजपा सरकार ने पिछड़ों को दिया धोखा! भाजपा की बाबा साहब भीम राव अम्बेडकर के दिए संविधान को ख़त्म करने की साज़िश।निकाय चुनाव में पिछड़ों और दलितों का हक मारने के लिए भाजपा सरकार ने गलत तरीके से किया आरक्षण।पहले पिछड़ों का हो आरक्षण, फ़िर हो चुनाव।“
बता दें कि हाई कोर्ट के आदेश के मुताबिक जिन सीटों को सरकार द्वारा ओबीसी घोषित किया गया है, उन पर आरक्षण लागू नहीं होगा और ऐसी सीटें सामान्य श्रेणी में होंगी।
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