कांग्रेस के बाद ‘आप’ ने अडाणी पावर मामले पर जांच की मांग की

आम आदमी पार्टी (आप) के नेता एवं राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने दो बिजली खरीद समझौतों के तहत अडाणी पावर मुंद्रा लिमिटेड (एपीएमयूएल) को पांच साल में कथित रूप से अतिरिक्त भुगतान किए जाने को लेकर गुजरात में अधिकारियों और मंत्रियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 28 August 2023, 6:56 PM IST
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नयी दिल्ली: आम आदमी पार्टी (आप) के नेता एवं राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने दो बिजली खरीद समझौतों के तहत अडाणी पावर मुंद्रा लिमिटेड (एपीएमयूएल) को पांच साल में कथित रूप से अतिरिक्त भुगतान किए जाने को लेकर गुजरात में अधिकारियों और मंत्रियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार कांग्रेस की गुजरात इकाई के प्रमुख शक्तिसिंह गोहिल ने शनिवार को आरोप लगाया था कि राज्य की भाजपा सरकार ने दो बिजली खरीद समझौतों के तहत पांच साल में अडाणी पावर मुंद्रा लिमिटेड को 3,900 करोड़ रुपये का अतिरिक्त भुगतान किया। गुजरात सरकार ने इन आरोपों को खारिज किया है।

गुजरात सरकार के प्रवक्ता और कैबिनेट मंत्री ऋषिकेश पटेल ने इस आरोप को ‘‘गुमराह करने वाला’’ करार देते हुए कहा कि भुगतान सिर्फ अंतरिम है और अंतिम नहीं।

संजय सिंह ने सोमवार को एक संवाददाता सम्मेलन में मांग की कि इस ‘‘भ्रष्टाचार’’ की जांच की जाए।

उन्होंने कहा, ‘‘ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) कहां है? सीबीआई (केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो) कहां है? आप पश्चिम बंगाल, तेलंगाना में तो तुरंत पहुंच जाते हैं, लेकिन ये जो भ्रष्टाचार हो रहा है, उसे आप देख नहीं पा रहे।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद ही उन्हें एहसास हुआ कि भ्रष्टाचार हो रहा है। यह भ्रष्टाचार कैसे हुआ? इसमें शामिल अधिकारियों और मंत्रियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।’’

आरोप है कि राज्य सरकार द्वारा संचालित गुजरात ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड (जीयूएनएल) ने अडाणी पावर को अक्टूबर 2018 और मार्च 2023 के बीच 13,802 करोड़ रुपये का भुगतान किया, जबकि निजी कंपनी ने (अपने ऊर्जा संयंत्रों के लिए) कोयला खरीद का कोई बिल या संबद्ध दस्तावेज नहीं सौंपा।

गोहिल ने कथित तौर पर जीयूवीएनएल द्वारा 3,802 करोड़ रुपये की मांग करते हुए 15 मई 2023 को अडाणी पावर मुंद्रा को लिखा गया एक पत्र भी प्रस्तुत किया। इस अतिरिक्त रकम का भुगतान जीयूवीएनएल ने उक्त निजी कंपनी के साथ किये गये दो ऊर्जा खरीद समझौते के तहत ऊर्जा शुल्क के तौर पर किया था।

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