आयुष्मान भारत को लेकर कैग की ओर से रेखांकित विसंगतियों पर आप ने सरकार को घेरा

डीएन ब्यूरो

आम आदमी पार्टी (आप) ने आयुष्मान भारत योजना के डेटाबेस में नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक द्वारा विसंगतियां रेखांकित किये जाने को लेकर केंद्र से सवाल करते हुए शुक्रवार को कहा कि क्या सरकार इस पर कोई जांच शुरू करेगी। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

आप पार्टी की मुख्य प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़
आप पार्टी की मुख्य प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़


नयी दिल्ली: आम आदमी पार्टी (आप) ने आयुष्मान भारत योजना के डेटाबेस में नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक द्वारा विसंगतियां रेखांकित किये जाने को लेकर केंद्र से सवाल करते हुए शुक्रवार को कहा कि क्या सरकार इस पर कोई जांच शुरू करेगी।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार पार्टी की मुख्य प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘केंद्र ने घोटाला करने के लिए एबी-पीएमजेएवाई योजना बनाई, लेकिन कोई जांच नहीं होगी।’’

उन्होंने कहा, ‘‘कैग रिपोर्ट में अनियमितताओं को उजागर किया गया है। मैं पूछना चाहती हूं कि क्या इसमें जांच का आदेश दिया जाएगा।’’

उन्होंने कहा, ‘‘दिल्ली सरकार की स्वास्थ्य योजना को पूरे देश में लागू किया जाना चाहिए, जिसमें कोई पाबंदी नहीं है।’’

कैग ने आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी-पीएमजेएवाई) के डेटाबेस में अमान्य नाम, अवास्तविक जन्मतिथि, डुप्लिकेट स्वास्थ्य पहचानपत्र और अवास्तविक पारिवारिक आकार सहित विसंगतियों को उजागर किया है।

मंगलवार को संसद में पेश ऑडिट रिपोर्ट में कहा गया है कि अपात्र परिवार पीएमजेएवाई लाभार्थियों के रूप में पंजीकृत पाए गए और उन्होंने योजना के तहत 0.12 लाख रुपये से 22.44 करोड़ रुपये तक का लाभ उठाया।

रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) के रिकॉर्ड के अनुसार 7.87 करोड़ लाभार्थी परिवार पंजीकृत हैं, जो लक्षित 10.74 करोड़ परिवार का 73 प्रतिशत है। समुचित सत्यापन नियंत्रण के अभाव में लाभार्थी डेटाबेस में अवैध नाम, अवास्तविक जन्मतिथि, नकली पीएमजेएवाई पहचान पत्र, परिवार के अवास्तविक आकार जैसी गड़बड़ियां पायी गयी हैं।’’

कैग रिपोर्ट में कहा गया है कि इस स्वास्थ्य बीमा योजना में कई लाभार्थी एक ही मोबाइल पर पंजीकृत हैं। उसने कहा कि मोबाइल नंबर 9999999999 पर 7.49 लाख लोग बतौर लाभार्थी पंजीकृत हैं।

स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों ने बुधवार को कहा कि मोबाइल नंबर की लाभार्थी की पात्रता तय करने में कोई भूमिका नहीं है।










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