महराजगंज जिले में 38 लाख रुपए के घोटाले में बड़ा खुलासा: मनरेगा की आईडी से नही हुआ काम, सरकारी धन पर डकैती डालने वाले घोटालेबाजों को बचाने में जुटे अफसर
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत 38 लाख रुपए के घोटाले के मामले में पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ पर चौंका देने वाला खुलासा।
महराजगंज: मनरेगा के नाम पर लगातार हो रहे जिले में घोटाले पर घोटाला थमने का नाम नही ले रहा है। अब घोटाला मनरेगा अधिकारियों के गले की हड्डी बनती नजर आ रही है। जिस तरह से महराजगंज जनपद में सरकारी धन का बंदरबाँट और लूट मची है उससे हर कोई हैरान है। ताजा मामला सदर ब्लॉक के तरकुलवा गाँव का है। जहां पर मनरेगा के तहत सौराहा पोखरी कि खुदाई के नाम पर जबर्दस्त लूट खसोट मचाकर 38 लाख रुपये का भुगतान करा लिया गया। हैरान करने वाली बात यह है कि जिस पोखरी को दिखाकर भुगतान कराया गया है, वह मौके पर है ही नही। उस गाँव में सिर्फ एक ही पोखरी है, जिसमें आज तक कोई कार्य नही हुआ है।
इस घोटाले का खुलासा डाइनामाइट न्यूज़ के खोजी पत्रकारों ने रविवार को किया था और इस बारे में विस्तार से महराजगंज जिले में मनरेगा के नाम पर 38 लाख का घोटाला, बिना काम कराये करा लिया भुगतान लेकिन भ्रष्टाचारियों पर कोई कार्यवाही नहीं खबर प्रकाशित की थी, इसके बाद घोटालेबाजों और इनके संरक्षणदाता अफसरों में हड़कंप मच गया।
मनरेगा के आईडी से नही हुआ है काम
डाइनामाइट न्यूज़ को सूत्रों ने बताया कि जिस आईडी से काम और भुगतान कराया गया है वो मनरेगा का है ही नही। मिली जानकारी के अनुसार किसी दूसरे विभाग की आईडी जनरेट करके ग्राम विकास विभाग में ट्रान्सफर कर भुगतान करा लिया गया है। सूत्रों ने डाइनामाइट न्यूज़ को यह भी बताया कि इतना बड़ा घोटाला बिना ऊपरी मिलीभगत के नहीं हो सकता। माना जा रहा है घोटालेबाजों ने लूट को आईटी और हैकिंग के जानकारों को मिलाकर किया है।
72 घंटे के अंदर सीडीओ को सौंपी जा सकती है जांच रिपोर्ट
सदर ब्लॉक के तरकुलवा में हुए 38 लाख रुपये के मनरेगा घोटाले में जो 3 सदस्यीय टीम गठित हुई है उसमें परियोजना निदेशक राकेश कुमार पांडेय, डीपीआरओ यावर अब्बास, एई एमआई द्वारा लगभग जांच पूरी कर ली गयी है। अब 72 घंटे के अंदर जांच रिपोर्ट की फ़ाइल सीडीओ गौरव सिंह सोगरवाल को सौंपी जाएगी। उसके बाद किसको बलि का बकरा बनाना है यह मंत्रणा करने के बाद मामले को फ़ाइनल किया जाएगा।
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हैरान करने वाला है जिम्मेदारों का बयान
मनरेगा घोटाले के मामले में अधिकारियों का काफी हद तक हैरान करने वाला बयान सामने आया है। उनका कहना है कि यह जो मामला है वह किसी बड़े रैकेट की तरफ इशारा कर रहा हैं। मामला आईडी हैकिंग की तरह लग रहा है। खुलासे के बाद किसके ऊपर कार्रवाई किया जाए यह समझ से परे है।
वर्तमान पीडी के सामने यह मामला एक बड़ी चुनौती
38 लाख रुपये का मनरेगा घोटाला एक बार फिर जिले में चर्चा का विषय बना हुआ है। बता दें कि तत्कालीन पीडी रामकरन पाल के कार्यकाल में भी मनरेगा घोटाला काफी चर्चा में रहा। जिसमें खुलासा कुछ ही का हो पाया। वर्तमान पीडी राकेश कुमार पांडेय के लिए सदर ब्लॉक के तरकुलवा में हुए इस घोटाले के आरोपियों को चिन्हित करना एक बड़ी चुनौती साबित होगी क्योंकि इतना बड़ा घोटाला पहली बार इनके कार्यकाल में सामने आया है। हालांकि यह खेल तत्कालीन पीडी के कार्यकाल में खेला गया था और जांच वर्तमान पीडी के कार्यकाल में किया जा रहा है।