Guru Gobind Singh Jayanti 2024: गुरु गोबिंद सिंह के 357वें प्रकाश पर्व पर पढ़िये उनके प्रेरक विचार

सिख धर्म के अंतिम गुरु गोबिंद सिंह जी की जयंती आज मनाई जा रही है। उनके जन्मदिवस को प्रकाश पर्व के रूप में मनाया जाता है। इस दिन गुरुद्वारों में तरह-तरह के आयोजन किए जाते हैं। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 17 January 2024, 11:52 AM IST
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नई दिल्लीः सिख धर्म के अंतिम गुरु गोबिंद सिंह जी की जयंती आज मनाई जा रही है। उनके जन्मदिवस को प्रकाश पर्व के रूप में मनाया जाता है। इस दिन गुरुद्वारों में तरह-तरह के आयोजन किए जाते हैं। आइए गुरु गोबिंद सिंह जी के 357वें प्रकाश पर्व पर उनसे जुड़ी कुछ खास बातों से आपको रूबरू कराते हैं। 

गुरु गोबिंद सिंह जी का जन्म बिहार में हुआ था। वह गुरु तेगबहादुर के बेटे थे। उन्होंने खालसा पंथ की स्थापना की थी। सिखों को बाल, कृपाण, कड़ा, कंघा और कच्छा धारण करने का आदेश उन्होंने ही दिया था।

पटना साहिब गुरुद्वारा क्यों है खास?

सिखों के दसवें गुरु गोविंद सिंह का जन्म पटना के साहिब में हुआ था। उनके द्वारा इस्तेमाल की गई चीजों को पटना साहिब गुरुद्वारे में संभाल कर रखा गया है। बता दें कि गोविंद सिंह जी की मां जिस कुएं से पानी भरा करती थीं, वह यहां मौजूद है।

मुगलों से युद्ध (प्रतीकात्मक तस्वीर)

खालसा सैनिकों को पालन करने पड़ते थे ये नियम 

खालसा पंथ की रक्षा के लिए गुरु गोविंद सिंह कई बार मुगल आक्रांताओं से टकराए थे। उन्होंने खालसा सैनिकों के लिए कुछ कड़े नियम बनाए थे। जैसे शराब, हलाल मांस, तम्बाकू इत्यादि का त्याग। 

गुरु गोविंद सिंह के प्रेरणादायक विचार

गुरु गोविंद सिंह जी का कहना था इंसान से प्यार ही ईश्वर की सच्ची भक्ति है। उनका मानना था कि केवल भविष्य के बारे में सोचना वाला व्यक्ति वर्तमान को भी खो देता है। गोविंद सिंह जी ने लोगों से जरूरतमंदों की सहायता का आव्हान किया था। उन्होंने कहा था कि असहाय को सताने वाले का खून परमात्मा बहाता है। 

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