

असम सरकार ने अहोम, मोरान, माटक, चुटिया और कोच-राजबोंगशी समुदायों के लिए औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) कोटा के तहत 3.24 प्रतिशत सीटें आरक्षित करने का निर्णय लिया है। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर
गुवाहाटी: असम सरकार ने अहोम, मोरान, माटक, चुटिया और कोच-राजबोंगशी समुदायों के लिए औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) कोटा के तहत 3.24 प्रतिशत सीटें आरक्षित करने का निर्णय लिया है।
यह फैसला नई दिल्ली में मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में लिया गया।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार शर्मा द्वारा टि्वटर पर साझा एक बयान के अनुसार 3.24 प्रतिशत का प्रतिनिधित्व करने वाली कुल 786 सीटें अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) और अत्यधिक अन्य पिछड़ा वर्ग (एमओबीसी) के तहत अहोम, मोरान, माटक, चुटिया और कोच- राजबोंगशी समुदाय के छात्रों के लिए आरक्षित की गई हैं।
चाय बागान में काम कर रहे और पहले चाय बागानों में काम कर चुके इस समुदाय के लोग ओबीसी और एमओबीसी श्रेणी के तहत पहले से ही पांच फीसदी आरक्षण का लाभ उठा रहे हैं।
असम के मोरान, मोटोक, चुटिया, ताई-अहोम, कोच-राजबोंगशी और टी-जनजाति समुदाय कई वर्षों से अनुसूचित जनजाति (एसटी) दर्जे की मांग कर रहे हैं।
कैबिनेट ने खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामलों के विभाग का नाम बदलकर खाद्य, सार्वजनिक वितरण एवं उपभोक्ता मामलों का विभाग करने का भी निर्णय लिया।
इसके अलावा, सार्वजनिक प्रयोजनों के लिए सीधी खरीद के माध्यम से भूमि खरीद नीति में संशोधन करने का निर्णय भी लिया गया।
विज्ञप्ति में बताया गया कि मान्यता प्राप्त सामाजिक स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं (आशा) और आशा पर्यवेक्षकों की सेवा समाप्ति आयु और एकमुश्त आभार लाभ तय कर दिया गया है।
बैठक में गुवाहाटी-जोरहाट मार्ग के लिए गैर-उड़ान योजना के तहत व्यवहार्यता अंतर निधि को भी मंजूरी दी गई।
बयान में बताया गया है कि जमीनी स्तर पर प्रतिभाओं की पहचान करने और उन्हें निखारने के लिए राज्य में 'खेल महारण' आयोजित किया जाएगा और इसमें 50 लाख से अधिक लोगों की भागीदारी होगी।
No related posts found.