2020 दिल्ली दंगे: अदालत ने व्यक्ति को सात साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई, पिता को तीन साल कैद

डीएन ब्यूरो

दिल्ली की अदालत ने शुक्रवार को दो अलग-अलग मामलों में एक व्यक्ति को सात साल सश्रम कारावास और उसके पिता को तीन साल साधारण कैद की सजा सुनाई।

कारावास (फाइल)
कारावास (फाइल)


नई दिल्ली:  दिल्ली की अदालत ने शुक्रवार को दो अलग-अलग मामलों में एक व्यक्ति को सात साल सश्रम कारावास और उसके पिता को तीन साल साधारण कैद की सजा सुनाई।

अदालत ने टिप्पणी की कि पिता ने बेटे को ‘सही रास्ता’ दिखाने के बजाय खुद ‘भयावह कृत्य’ किया।

अदालत ने वर्ष 2020 में उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुए दंगे से जुडे मामलों की सुनवाई करते हुए टिप्पणी की कि सांप्रदायिक दंगे लोक अव्यवस्था का सबसे हिंसक प्रारूप है जो समाज को प्रभावित करता है।

अपर सत्र न्यायाधीश पुलस्त्य प्रमाचला ने मिठन सिंह और उसके बेटे जॉनी कुमार से जुड़े दो मामलों की सुनवाई कर रहे थे जो भारतीय दंड संहिता की धारा- 147 (दंगा करना) और धारा-436(गॄह आदि को नष्ट करने के आशय से अग्नि या विस्फोटक पदार्थ का दुरुपयोग) के तहत दोषी करार दिए गए थे।

न्यायाधीश ने फैसले में कहा, ‘‘आईपीसी की धारा-436 के तहत दोषी जॉनी कुमार को सात साल सश्रम कारावास और दोषी मिठन सिंह को तीन साल साधारण कैद की सजा सुनाई जाती है।’’

अदालत ने सिंह और कुमार पर प्राथमिकी संख्या 239 के मामले में क्रमश: 50 हजार रुपये और 25 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है। इतनी राशि का जुर्माना प्राथमिकी संख्या 244 में भी लगाया गया है।

गौरतलब है कि खजूरी खास पुलिस ने सिंह और कुमार के खिलाफ दो प्राथमिकी दर्ज की थी और अदालत ने अलग-अलग फैसलों में उन्हें दोषी करार दिया था।

 










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