New Delhi: रोहित शर्मा के टेस्ट से संन्यास लेने के बाद शुभमन गिल को टीम इंडिया की कमान सौंपी गई। उनकी कप्तानी में फिलहाल भारतीय टीम इंग्लैंड दौरे पर 1-2 से पिछड़ गई है। हालांकि, भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने इंग्लैंड में अपना दबदबा बनाते हुए 2-1 से सीरीज अपने नाम कर लिया है। भारत की इस जीत में गेंदबाज क्रांति गौड़ ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, लेकिन कहा जा रहा है कि उनकी इस शानदार प्रदर्शन में गिल भी मौजूद हैं।
दरअसल, भारतीय महिलाओं ने 3 वनडे मैचों की सीरीज 2-1 से जीत ली। इस सीरीज जीत में भारत की तेज गेंदबाज क्रांति गौर का सबसे अहम योगदान रहा। अपने नाम की तरह ही उन्होंने अपने काम से भी इंग्लैंड में क्रांति ला दी। 21 साल की इस भारतीय गेंदबाज ने इंग्लैंड के 9 बल्लेबाजों को अपना शिकार बनाया।
संघर्षों में बिता जीवन
हालांकि, इंग्लैंड में गेंद से क्रांति लाने वाली इस भारतीय गेंदबाज का जीवन इतना आसान नहीं रहा है। टीम इंडिया की जर्सी पहनने और भारत को गौरवान्वित करने से पहले, उन्हें अपने जीवन में हर कदम पर संघर्ष का सामना किया है। बीसीसीआई ने क्रांति गौर का एक इंटरव्यू जारी किया है, जिसमें वह अपनी जिंदगी के संघर्षों के बारे में खुलकर बात कर रही हैं।
मांग-मांगकर खाया खाना
इस वीडियो में क्रांती ने बताया कि बुरे वक्त में उन्हें दूसरों से खाना मांगना पड़ा था। क्रांति गौर आगे कहती हैं कि उनके पिता की नौकरी चली गई थी। उनके भाई का काम भी ठीक नहीं चल रहा था। उन बुरे हालातों में किसी तरह मां के गहने बेचकर घर चलाया था। सामने आए इंटरव्यू में क्रांति ने क्रिकेटर बनने के अपने सफर के बारे में भी बताया।
डेब्यू में रहा खराब प्रदर्शन
क्रांति गौर ने इसी साल मई में श्रीलंका के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में डेब्यू किया था। कोलंबो में खेले गए उस वनडे मैच में क्रांति को कोई विकेट नहीं मिला था। इसके बाद जुलाई 2025 में उन्होंने बर्मिंघम में इंग्लैंड के खिलाफ टी20 में पदार्पण किया, लेकिन उसमें भी उन्हें विकेट नहीं मिला।
शुभमन गिल से हुई मुलाकात
लगातार दो डेब्यू में असफलता के बाद, इंग्लैंड में ही किंग से मुलाकात के दौरान क्रांति गौड़ की मुलाकात शुभमन गिल से हुई। क्रांति गौड़ ने शुभमन गिल से मुलाकात की अपनी तस्वीरें इंस्टाग्राम पर भी पोस्ट की हैं।
गिल से मिलने के बाद आई ‘क्रांति’
15 जुलाई को क्रांति गौड़ की मुलाकात शुभमन गिल से हुई और 16 जुलाई से उनकी किस्मत बदलने लगी। जिसका नतीजा ये हुआ कि अपने इंटरनेशनल अंतरराष्ट्रीय करियर के शुरुआती दो मैचों में विकेट लेने में नाकाम रहीं क्रांति गौड़ ने इंग्लैंड के खिलाफ वनडे सीरीज के 3 मैचों में 15.11 की औसत से 9 विकेट अपने नाम कर लिए। जिसमें से 6 विकेट उन्होंने अकेले आखिरी मैच में लिए हैं।

