Mumbai: भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने 2025 विश्व कप फाइनल में दक्षिण अफ्रीका को 52 रनों से हराकर इतिहास रच दिया। यह टीम के लिए पहला विश्व कप खिताब था। इस ऐतिहासिक जीत में टीम के मुख्य कोच अमोल मजूमदार का योगदान बेहद महत्वपूर्ण रहा। मजूमदार ने टीम को रणनीति, मानसिक मजबूती और आत्मविश्वास दिया, जिससे खिलाड़ी उच्चतम स्तर पर प्रदर्शन कर सकीं।
संन्यास से पहले के रिकॉर्ड
अमोल मजूमदार ने प्रथम श्रेणी क्रिकेट में 11,000 से अधिक रन बनाए और 30 शतक लगाए, लेकिन कभी भारतीय टीम में खेलने का मौका नहीं मिला। उस समय भारतीय मध्यक्रम में सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड़, वीवीएस लक्ष्मण और सौरव गांगुली जैसे दिग्गज शामिल थे, जिनके बीच जगह बनाना मुश्किल था। हालांकि, संन्यास लेने के 12 साल बाद उन्होंने कोच के रूप में भारतीय क्रिकेट में अपना नाम अमर कर दिया।
रोहित शर्मा का पुराना ट्वीट वायरल
टीम इंडिया की विश्व कप जीत के बाद, रोहित शर्मा का एक पुराना ट्वीट सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। मजूमदार ने सितंबर 2014 में क्रिकेट से संन्यास लिया था, उस समय रोहित शर्मा ने लिखा था, “मुंबई क्रिकेट के गुमनाम नायक, अमोल मजूमदार, एक ज़बरदस्त रिकॉर्ड छोड़कर संन्यास ले चुके हैं! उन्होंने हमेशा अपने खेल में जी-जान लगा दी।” यह ट्वीट अब उनके कोचिंग करियर और टीम इंडिया की जीत के संदर्भ में फिर से चर्चा में है।
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Amol Muzumdar the unsung hero of Mumbai cricket retires leaving behind a tremendous record!Always put his whole heart into his game #Respect
— Rohit Sharma (@ImRo45) September 25, 2014
टीम इंडिया की यादगार वापसी
टीम इंडिया का विश्व कप सफ़र आसान नहीं रहा। लीग चरण में दक्षिण अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के खिलाफ लगातार तीन हार के बाद टीम पर दबाव था। न्यूज़ीलैंड के खिलाफ एक ज़रूरी मैच में भारत ने वापसी की और फिर सेमीफाइनल में गत चैंपियन ऑस्ट्रेलिया को हराकर सभी को चौंका दिया। इस दौरान मजूमदार ने टीम में आत्मविश्वास भरने और खिलाड़ियों को मानसिक रूप से मजबूत बनाने में अहम भूमिका निभाई।
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कैसा है कोचिंग करियर
अक्टूबर 2023 में, अमोल मजूमदार को भारतीय महिला टीम का मुख्य कोच नियुक्त किया गया। यह पद रमेश पोवार के जाने के बाद लगभग 10 महीने से खाली था। मजूमदार आईपीएल फ्रैंचाइज़ी राजस्थान रॉयल्स के बल्लेबाजी कोच के अनुभव के साथ आए। उन्होंने पहले मुंबई टीम के मुख्य कोच के रूप में, भारत की अंडर-19 और अंडर-23 टीमों में और नीदरलैंड क्रिकेट टीम के बल्लेबाजी सलाहकार के रूप में काम किया। उनके अनुभव और रणनीतिक कौशल ने भारतीय टीम को विश्व कप तक पहुंचाने में मदद की।

