New Delhi: भारत ने 2025 ICC महिला वनडे विश्व कप जीतकर इतिहास रच दिया। यह जीत न सिर्फ भारतीय क्रिकेट के लिए गौरव का क्षण थी, बल्कि इसमें टीम की युवा सलामी बल्लेबाज़ प्रतीका रावल की कहानी ने लाखों लोगों का दिल जीत लिया। टूटा हुआ पैर, प्लास्टर और दर्द के बावजूद प्रतीका ने हौसले का ऐसा परिचय दिया, जो आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करेगा। बुधवार शाम, जब विश्व चैंपियन टीम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने पहुची, तो पूरे देश की निगाहें इस मुलाकात पर टिकी थीं।
प्रधानमंत्री मोदी से भारतीय टीम की मुलाकात
विश्व कप विजेता भारतीय महिला टीम मंगलवार को मुंबई से दिल्ली पहुंची, जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खिलाड़ियों से मुलाकात की। उन्होंने टीम की ऐतिहासिक उपलब्धि की सराहना की और हर खिलाड़ी को उनके योगदान के लिए बधाई दी। जब प्रतीका रावल टूटे पैर और प्लास्टर के साथ समारोह में पहुंचीं, तो उनकी मुस्कान ने सबका ध्यान खींच लिया। प्रधानमंत्री मोदी ने भी उनकी हिम्मत और जज्बे की खुलकर तारीफ की। उन्होंने प्रतीका से कहा, “देश को आप जैसे खिलाड़ियों पर गर्व है, जो दर्द के बावजूद मुस्कुराते हैं और दूसरों को आगे बढ़ने की प्रेरणा देते हैं।”
Lovely Gesture ❤️
Pratika Rawal was injured so came on Wheelchair.
Modiji noticed that she could not take food, so he asked what she likes and served her pic.twitter.com/K5gd46e5wI
— Ankur Singh (@iAnkurSingh) November 6, 2025
लगी चोट, लेकिन नहीं टूटा हौसला
विश्व कप के लीग चरण में बांग्लादेश के खिलाफ मैच के दौरान प्रतीका के टखने में गंभीर चोट लगी थी। स्कैन में फ्रैक्चर की पुष्टि हुई, जिसके चलते उन्हें नॉकआउट चरण से बाहर होना पड़ा। टीम प्रबंधन ने उनकी जगह शेफाली वर्मा को शामिल किया, जिन्होंने फाइनल में धमाकेदार बल्लेबाज़ी कर भारत को खिताब जिताने में अहम भूमिका निभाई।
हालांकि प्रतीका मैदान पर नहीं थीं, लेकिन ड्रेसिंग रूम से उन्होंने लगातार अपनी टीम का हौसला बढ़ाया। जब भारत ने फाइनल में जीत दर्ज की, तो वह व्हीलचेयर पर मैदान में आईं और टीम के साथ जश्न मनाया। उस पल उनकी आंखों में आंसू थे, लेकिन चेहरे पर वही मुस्कान थी जो उनके जज़्बे की पहचान बन चुकी थी।
विश्व कप में प्रतीका का शानदार प्रदर्शन
2025 विश्व कप प्रतीका रावल के करियर का अब तक का सबसे यादगार टूर्नामेंट रहा। उन्होंने छह पारियों में 51.33 की औसत से 308 रन बनाए। न्यूजीलैंड के खिलाफ उन्होंने 122 रनों की शानदार शतकीय पारी खेली, जो टूर्नामेंट की सबसे बेहतरीन पारियों में गिनी गई। वह टूर्नामेंट में भारत की ओर से दूसरी सबसे ज़्यादा रन बनाने वाली खिलाड़ी रहीं, स्मृति मंधाना के बाद।
उनकी आक्रामक बल्लेबाज़ी और संयमित रवैये ने भारत को सेमीफाइनल तक पहुंचाने में बड़ा योगदान दिया। चोट लगने के बावजूद उनका टीम के प्रति समर्पण और मानसिक मजबूती इस विश्व कप का सबसे प्रेरणादायक अध्याय बन गया।

