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दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ दूसरे T20I में टीम इंडिया की 51 रन की हार सिर्फ मैदान पर नहीं, आंकड़ों में भी पहले से लिखी हुई थी। लक्ष्य सामने आते ही साफ हो गया था कि भारत के लिए यह चेज़ लगभग नामुमकिन होगा। क्योंकि T20I इतिहास में टीम के माथे पर जो कलंक लगा है वो आज तक हटा नहीं है।
टीम इंडिया का खराब रिकॉर्ड (Img: BCCI-X)
Chandigarh: टीम इंडिया के माथे पर लगा यह ‘कलंक’ हटने का नाम ही नहीं ले रहा। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 214 रन का लक्ष्य मिलते ही भारत की हार लगभग तय हो गई थी। वजह सिर्फ खेल नहीं, बल्कि भारत का वह कड़वा रिकॉर्ड है, जिसमें टीम ने आज तक T20I में 210+ रन का टारगेट कभी सफलतापूर्वक चेज नहीं किया।
मैदान पर तिलक वर्मा जैसे खिलाड़ी लड़ते रहे, लेकिन इतिहास और आंकड़ों ने पहले ही भारत की किस्मत लिख दी थी। आज एक बार फिर वही हुआ और एक बार फिर यह ‘कलंक’ टीम इंडिया का पीछा करता हुआ नजर आया।
South Africa win the 2nd T20I by 51 runs.#TeamIndia will aim to come back strongly in the 3rd T20I in Dharamshala.
Scorecard ▶️ https://t.co/japA2CIofo#INDvSA | @IDFCFIRSTBank pic.twitter.com/P2HOiMUPDo
— BCCI (@BCCI) December 11, 2025
दिलचस्प बात यह है कि मैच शुरू होने से पहले ही भारत की हार लगभग पक्की मानी जा सकती थी। कारण है T20 अंतरराष्ट्रीय में भारत का 210+ रन के टारगेट का पीछा करते हुए बेहद खराब रिकॉर्ड। यह सातवीं बार था जब किसी टीम ने भारत को 210 से ज्यादा का टारगेट दिया था और सातों बार भारत हारा है। दुनिया की नंबर एक T20 टीम होने के बावजूद भारत कभी भी इतने बड़े लक्ष्य को चेज़ नहीं कर पाया है।
T20I के इतिहास में भारत का 210 से अधिक के लक्ष्य का पीछा करते हुए रिकॉर्ड इस प्रकार है-
इस आंकड़े से स्पष्ट होता है कि जब दक्षिण अफ्रीका ने 214 रन का टारगेट दिया, उसी समय भारत के सामने बेहद कठिन चुनौती खड़ी हो गई थी।
टॉस जीतकर सूर्यकुमार यादव ने पहले गेंदबाजी का फैसला किया, लेकिन यह निर्णय उलटा पड़ गया। दक्षिण अफ्रीका ने शुरुआत से ही आक्रामक अंदाज अपनाया। क्विंटन डी कॉक ने पावरप्ले में ही भारतीय गेंदबाजी को दबाव में डाल दिया। साउथ अफ्रीका ने पहले छह ओवर में एक विकेट खोकर 53 रन बनाए।
डी कॉक ने 46 गेंदों पर 90 रन की तूफानी पारी खेली, जिसमें 5 चौके और 7 छक्के शामिल थे। एडेन मार्करम (29), डोनोवन फरेरा (30) और डेविड मिलर (20) ने छोटी लेकिन प्रभावी पारियों के जरिए डी कॉक का साथ दिया। इन प्रदर्शनों की मदद से मेहमान टीम ने 20 ओवर में 4 विकेट पर 213 रन बोर्ड पर लगाए।
214 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए भारत की शुरुआत बेहद खराब रही। शुभमन गिल पहले ही ओवर में गोल्डन डक पर आउट हो गए। अभिषेक शर्मा ने तेजी से 17 रन बनाए, लेकिन लंबी पारी नहीं खेल सके। कप्तान सूर्यकुमार यादव का कमजोर फॉर्म जारी रहा। पावरप्ले के अंत तक भारत ने 3 विकेट खोकर सिर्फ 51 रन बनाए और टीम लगातार दबाव में रहती गई।
नंबर 5 पर उतरे तिलक वर्मा ने एक छोर संभालकर टीम को संभालने की कोशिश की। उन्होंने 34 गेंदों पर 62 रन बनाए, जिसमें दो चौके और पांच छक्के शामिल थे। हालांकि दूसरे छोर से उनका कोई साथ नहीं दे पाया। हार्दिक पांड्या भी कुछ खास नहीं कर सके। साउथ अफ्रीका के ओथनील बार्टमैन सबसे सफल गेंदबाज रहे, जिन्होंने चार विकेट चटकाए।
भारत की पूरी टीम 162 रन पर सिमट गई और 51 रन से हार का सामना करना पड़ा। बड़ा लक्ष्य, खराब शुरुआत और मध्यक्रम की नाकामी ने भारत के लिए जीत की उम्मीदें खत्म कर दीं।