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अजीत अगरकर पर मेहरबान हुआ BCCI? जानें कितने साल के लिए बढ़ा कॉन्ट्रैक्ट

बीसीसीआई ने मुख्य चयनकर्ता अजीत अगरकर का कार्यकाल जून 2026 तक बढ़ा दिया है। अगरकर की नियुक्ति जुलाई 2023 में हुई थी और उनके कार्यकाल में भारत ने वनडे वर्ल्ड कप फाइनल, टी20 वर्ल्ड कप जीत और चैंपियंस ट्रॉफी जैसे बड़े टूर्नामेंटों में शानदार प्रदर्शन किया है।
Post Published By: Mrinal Pathak
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अजीत अगरकर पर मेहरबान हुआ BCCI? जानें कितने साल के लिए बढ़ा कॉन्ट्रैक्ट

New Delhi: भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने मुख्य चयनकर्ता अजीत अगरकर के कार्यकाल को बढ़ाकर जून 2026 तक कर दिया है। यह फैसला भारतीय टीम के हालिया शानदार प्रदर्शन को देखते हुए लिया गया है। अगरकर को जुलाई 2023 में मुख्य चयनकर्ता नियुक्त किया गया था और उनके नेतृत्व में भारत ने कई महत्वपूर्ण टूर्नामेंटों में बेहतरीन प्रदर्शन किया है।

कब हुआ कॉन्ट्रैक्ट रिन्यू?

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, बीसीसीआई ने आईपीएल 2025 से पहले ही अजीत अगरकर का अनुबंध नवीनीकृत कर दिया था। रिपोर्ट में बीसीसीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी के हवाले से कहा गया कि, “अगरकर के कार्यकाल में भारत ने टेस्ट और टी20 दोनों में संक्रमणकाल को सफलतापूर्वक पार किया और बड़े खिताब भी जीते। इसी कारण बोर्ड ने उनके कार्यकाल को 2026 तक बढ़ाने का फैसला किया। अगरकर ने कुछ महीने पहले इस प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया था।”

अगरकर के कार्यकाल में भारत की उपलब्धियां?

अगरकर के मुख्य चयनकर्ता बनने के बाद भारतीय क्रिकेट टीम ने कई बड़ी उपलब्धियां हासिल की हैं। सबसे पहले 2023 में भारत वनडे विश्व कप के फाइनल में पहुंचा। इसके बाद 2024 में भारत ने टी20 विश्व कप जीतकर दस साल का आईसीसी ट्रॉफी का सूखा खत्म किया। इसके अलावा 2025 में भारत ने चैंपियंस ट्रॉफी का खिताब भी अपने नाम किया। ये सभी सफलता अगरकर की नेतृत्व क्षमता और चयन में पारदर्शिता का परिणाम मानी जा रही हैं।

अजीत अगरकर का अनुबंध रिन्यू (Img: Internet)

क्या चयन समिति में होगा बदलवा?

फिलहाल सीनियर चयन समिति में अजीत अगरकर के साथ एसएस दास, सुब्रतो बनर्जी, अजय रात्रा और एस. शरथ शामिल हैं। हालांकि, रिपोर्ट्स के अनुसार, सितंबर में बीसीसीआई की वार्षिक आम बैठक (AGM) के दौरान चयन समिति में कुछ बदलाव हो सकते हैं। एस. शरथ को 2021 में जूनियर चयन समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था और 2023 में उन्हें सीनियर समिति में शामिल किया गया था। अब चार साल का कार्यकाल पूरा होने पर बोर्ड उनकी जगह नए चेहरे को मौका देने पर विचार कर सकता है।

कार्यकाल बढ़ाने का मकसद?

अजीत अगरकर का कार्यकाल अब 2026 तक रहेगा और उनकी रणनीति तथा चयन नीति ने भारतीय क्रिकेट को नई ऊंचाई तक पहुंचाया है। आगामी वर्षों में भी उनसे उम्मीदें बरकरार रहेंगी कि वे भारतीय क्रिकेट को और अधिक गौरव दिलाएंगे।

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