

उत्तराखंड के धराली और हर्षिल में 5 अगस्त को आई विनाशकारी बाढ़ की सैटेलाइट तस्वीरों ने मची तबाही को दिखाया है। 600 से ज्यादा लोगों को सुरक्षित निकाला जा चुका है, लेकिन सैकड़ों लोग अब भी लापता हैं। रेस्क्यू ऑपरेशन युद्ध स्तर पर जारी है।
img: ISRO
Uttarakhand News: उत्तराखंड के धराली और हर्षिल इलाके में 5 अगस्त को आई विनाशकारी बाढ़ और बादल फटने के कारण भारी तबाही मच गई है। इस प्राकृतिक आपदा के बाद से अब तक 600 से ज्यादा लोगों को सुरक्षित निकाला जा चुका है और रेस्क्यू ऑपरेशन युद्ध स्तर पर जारी है। इसके बावजूद सैकड़ों लोग अभी भी लापता हैं। इस हादसे के प्रभावों को सैटेलाइट तस्वीरों से भी स्पष्ट देखा जा सकता है। जिनमें पूरे क्षेत्र में फैला मलबा और डूबे हुए घर और नदी के रास्ते में बदलाव दिख रहे हैं। इस स्थिति में राहत और बचाव कार्य के लिए सेना और एनडीआरएफ (NDRF) के साथ एसडीआरएफ (SDRF) की टीमें लगातार काम कर रही हैं।
जारी हुआ भयंकर फोटो
इसरो और एनआरएससी ने दो सैटेलाइट तस्वीरें जारी की हैं, जिनमें 16 जून 2024 और 7 अगस्त 2025 की तस्वीरें शामिल हैं। इन हाई रिज़ॉल्यूशन तस्वीरों में धराली और हरसिल में बाढ़ के बाद के भयंकर दृश्य देखे जा सकते हैं। बाढ़ के कारण हजारों हेक्टेयर में मलबा फैला हुआ है और नदी का रास्ता भी बदल चुका है, जो बचाव कार्य के लिए महत्वपूर्ण संकेत दे रहा है। इससे साफ तौर पर यह समझा जा सकता है कि यह घटना कितनी विनाशकारी रही है।
चिनूक और MI-17 हेलीकॉप्टर रेस्क्यू में लगे
वर्तमान समय में भारतीय सेना और वायुसेना के हेलीकॉप्टरों के जरिए रेस्क्यू ऑपरेशन तेज़ी से चल रहा है। चिनूक और MI-17 हेलीकॉप्टर के माध्यम से प्रभावित क्षेत्रों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर लाया जा रहा है और राहत सामग्री भी पहुंचाई जा रही है। विशेष रूप से हर्षिल में अस्थाई हेलीपैड का निर्माण किया गया है, जहां से लोगों को मातली के ITBP हेलीपैड तक लाया जा रहा है।
दिन-रात चल रहा कार्य
इस प्राकृतिक आपदा में अब भी सैकड़ों लोग लापता हैं और परिवारों के सदस्य उनकी तलाश में हैं। बचाव कार्य में जुटी टीमें उन लापता लोगों को खोजने में दिन-रात प्रयासरत हैं। साथ ही धराली और हर्षिल में आवश्यक आपूर्ति जैसे जेनरेटर और खाद्य सामग्री हेलीकॉप्टरों से भेजी जा रही है। जिससे लोगों को राहत मिल सके। वहीं, अधिकारियों का कहना है कि रेस्क्यू ऑपरेशन तब तक जारी रहेगा जब तक सभी प्रभावित क्षेत्रों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर नहीं पहुंचा दिया जाता। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और अन्य राहत दलों की टीम भी लगातार अपना कार्य कर रही हैं। यह कार्य दिन-रात जारी रहेगा।