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छात्रों की शिकायतों को दूर करने के लिए सीबीएसई ने 2025 से एक नया और पारदर्शी रीचेकिंग सिस्टम लागू किया है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
प्रतिकात्मक तस्वीर
नई दिल्ली: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) के 10वीं और 12वीं कक्षा के रिजल्ट घोषित हो चुके है। 10वीं में 93.66 फीसदी बच्चे और 12वीं में 88.39 प्रतिशत छात्र पास हुए हैं। जिसमें 91.64 प्रतिशत लड़कियां पास हुई हैं। 12वीं में एक बार फिर लड़कियों ने बाजी मारी है। इस बार 'ऑपरेशन सिंदूर' और भारत-पाक के बीच उत्पन्न तनाव के कारण रिजल्ट में देरी होने की अटकलें भी थीं, लेकिन CBSE की ओर से इस पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया।
डाइनामाइट न्यूज़ के संवाददाता के अनुसार, हर साल की तरह, इस बार भी कई छात्र अपने अंकों (Marks) से संतुष्ट नहीं हैं और उन्हें लगता है कि उनकी उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन सही तरीके से नहीं हुआ। ऐसे छात्रों की शिकायतों को दूर करने के लिए सीबीएसई ने 2025 से एक नया और पारदर्शी रीचेकिंग सिस्टम लागू किया है। इस नई प्रक्रिया के तहत, छात्र अब अपनी उत्तर पुस्तिका की स्कैन की गई फोटो कॉपी प्राप्त कर सकते हैं। इसके बाद वे स्वयं अपनी कॉपी की जांच कर यह तय कर सकते हैं कि वो मार्क्स वेरिफिकेशन (पुनर्मूल्यांकन) के लिए आवेदन करना चारते हैं या नहीं।
जानें कौन कर सकता है आवेदन?
सीबीएसई कक्षा 12 के वे सभी छात्र जो 2025 की बोर्ड परीक्षा में शामिल हुए हैं, इस नई रीचेकिंग(Rechecking) प्रक्रिया का लाभ उठा सकते हैं। आवेदन के लिए छात्रों को सीबीएसई की आधिकारिक वेबसाइट cbse.gov.in पर जाकर ऑनलाइन फॉर्म भरना होगा। इस प्रक्रिया को और अधिक सुगम बनाने के लिए बोर्ड ने सभी दिशा-निर्देश वेबसाइट पर उपलब्ध कराए हैं।
कितना लग सकता है समय
उत्तर पुस्तिका की स्कैन कॉपी प्राप्त करने में लगभग 7 दिन का समय लग सकता है। इसके बाद, मार्क्स वेरिफिकेशन (Marks Verification)और रीएवैल्यूएशन की प्रक्रिया को पूरा होने में 15 दिन तक का समय लग सकता है। छात्रों को सलाह दी जाती है कि वे समयसीमा का ध्यान रखें और जल्द से जल्द आवेदन करें।
छात्रों के लिए अगला कदम
छात्र सबसे पहले cbseresults.nic.in पर जाकर अपनी मार्कशीट(Marksheet) डाउनलोड करें। अगर वे अपने अंकों से संतुष्ट नहीं हैं, तो वे स्कैन की गई उत्तर पुस्तिका की कॉपी के लिए आवेदन कर सकते हैं। कॉपी की जांच के बाद, अगर जरूरत हो, तो वे रीचेकिंग या रीएवैल्यूएशन के लिए आगे बढ़ सकते हैं। बता दें कि इस सिस्टम से न केवल पारदर्शिता को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि छात्रों के आत्मविश्वास को भी मजबूती मिलेगी।