भीलवाड़ा में नेत्रदान से रोशन होगी दो जिंदगियां, लोगों को मिलेगी प्रेरणा

राजस्थान के भीलवाड़ा में रविवार को एक परिवार ने नर सेवा ही नारायण सेवा के ध्येय को साकार करते हुए मरणोपरांत नेत्रदान का परोपकारी निर्णय लिया है। नेत्रहीन व्यक्तियों के जीवन में उजाला भरने के उद्देश्य से परिवार ने यह पुण्य कार्य किया।

Post Published By: Jay Chauhan
Updated : 21 December 2025, 8:40 PM IST

Bhilwara: शहर विधायक अशोक कोठारी की प्रेरणा पर "नर सेवा ही नारायण सेवा है" के ध्येय को चरितार्थ करते हुए भीलवाड़ा के दुबे परिवार ने शोक और दुःख की अत्यंत कठिन घड़ी में मरणोपरांत नेत्रदान का परोपकारी निर्णय लिया है।

संचेती कॉलोनी निवासी श्रीमती मंजू देवी (धर्मपत्नी रवि दुबे) के देहावसान के पश्चात उनके परिवार ने उनकी स्मृति को अमर बनाने और नेत्रहीन व्यक्तियों के जीवन में उजाला भरने के उद्देश्य से नेत्रदान करने का निर्णय लिया।

संघर्ष से सफलता तक: RJS 2025 में भीलवाड़ा के आशुतोष शर्मा ने किया कमाल, महिलाओं का दबदबा कायम

दुबे परिवार ने किया महादान

विधायक की निरंतर प्रेरणा और सामाजिक सरोकारों के प्रति उनके प्रयासों के फलस्वरूप भीलवाड़ा में नेत्रदान के प्रति जागरूकता बढ़ रही है। इसी क्रम में दुबे परिवार ने अपनी सामाजिक जिम्मेदारी समझते हुए स्वर्गीय मंजू देवी के नेत्रदान का संकल्प लिया।

इस पुनीत कार्य को संपन्न करने में श्री महावीर युवक मंडल सेवा संस्थान के सदस्यों का सक्रिय सहयोग रहा। संस्थान के सदस्यों ने परिवार को संबल प्रदान किया और प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

Video: भीलवाड़ा के आशुतोष शर्मा बने न्यायिक सेवा अधिकारी, RJS 2025 में हासिल की ये रैंक

रामस्नेही हॉस्पिटल एवं आई बैंक के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. सुरेश भदादा एवं आई बैंक के समर्पित स्टाफ ने सूचना मिलते ही नेत्रदान की प्रक्रिया को पूर्ण सम्मान के साथ संपन्न करवाया। ​श्री महावीर युवक मंडल सेवा संस्थान ने दुबे परिवार के इस निर्णय की सराहना करते हुए कहा की ​"दुःख के इस क्षण में भी परोपकार की भावना रखना वंदनीय है।

नेत्रदान का अर्थ

नेत्रदान का अर्थ है किसी व्यक्ति की मृत्यु के बाद उसकी आंखों को संरक्षित कर उन लोगों को देना, जिनकी आंखों की रोशनी चली गई है। आंखों का कॉर्निया प्रत्यारोपण कर अंधत्व से पीड़ित व्यक्ति को दोबारा देखने की क्षमता मिल सकती है। एक नेत्रदान से दो व्यक्तियों को नई दृष्टि मिलती है। यही कारण है कि इसे सबसे बड़ा मानवीय दान माना जाता है।

भीलवाड़ा जिले में हुए इस नेत्रदान ने एक बार फिर समाज को यह संदेश दिया है कि नर सेवा ही नारायण सेवा है।

 

Location : 
  • Bhilwara

Published : 
  • 21 December 2025, 8:40 PM IST