Site icon Hindi Dynamite News

उपराष्ट्रपति चुनाव 2025: INDIA गठबंधन के प्रत्याशी जस्टिस रेड्डी का सांसदों को पत्र, बहस की पेशकश से बढ़ी हलचल

उपराष्ट्रपति पद के लिए होने वाले चुनाव में विपक्षी गठबंधन INDIA के प्रत्याशी और सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश बी. सुदर्शन रेड्डी ने सभी सांसदों को पत्र लिखकर समर्थन की अपील की है। उन्होंने निष्पक्ष और मर्यादित चुनाव की आशा जताते हुए बहस के लिए आमंत्रण भी दिया है।
Post Published By: Asmita Patel
Published:
उपराष्ट्रपति चुनाव 2025: INDIA गठबंधन के प्रत्याशी जस्टिस रेड्डी का सांसदों को पत्र, बहस की पेशकश से बढ़ी हलचल

New Delhi: भारत के अगले उपराष्ट्रपति के चुनाव की प्रक्रिया जोर पकड़ चुकी है। विपक्षी गठबंधन INDIA ब्लॉक की ओर से उम्मीदवार बनाए गए सेवानिवृत्त जस्टिस बी. सुदर्शन रेड्डी ने एक नई पहल करते हुए देशभर के सांसदों को पत्र लिखा है। इस पत्र के जरिए उन्होंने संविधान के मूल मूल्यों, न्याय, और निष्पक्षता की भावना के आधार पर समर्थन मांगा है। रेड्डी ने अपने पत्र में लिखा कि यह चुनाव मेरे लिए संविधान के साथ मेरी लंबी यात्रा का एक महत्वपूर्ण पड़ाव है। मैं सिर्फ INDIA ब्लॉक नहीं, बल्कि लोकतंत्र में विश्वास रखने वाले हर जनप्रतिनिधि से समर्थन चाहता हूं।

सीधा मुकाबला NDA के सीपी राधाकृष्णन से

रेड्डी का मुकाबला राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के प्रत्याशी और पूर्व महाराष्ट्र राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन से है। दोनों ही खेमों में अपने-अपने प्रत्याशियों को जीत दिलाने के लिए रणनीतिक तैयारी जोरों पर है। एनडीए नेताओं का दावा है कि उन्हें आवश्यक बहुमत प्राप्त है, जबकि विपक्ष की रणनीति रेड्डी की “न्यायप्रिय” छवि को सामने रखकर गैर-NDA सांसदों को भी अपने पक्ष में लाने की है।

जस्टिस रेड्डी का सांसदों को पत्र

“अगर दोनों बोलें, तो बहस हो सकती है”

हैदराबाद में एक कार्यक्रम के दौरान जस्टिस रेड्डी ने कहा कि मेरे प्रतिद्वंद्वी मौन हैं। अगर दोनों उम्मीदवार तैयार हों, तो चुनाव से पहले एक सार्वजनिक बहस हो सकती है। इस तरह जनता और संसद दोनों को तय करने में आसानी होगी। रेड्डी की यह टिप्पणी राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बन गई है। भारत में उपराष्ट्रपति चुनाव से पहले उम्मीदवारों की बहस की परंपरा नहीं रही है, ऐसे में यह एक नया प्रयोग हो सकता है।

उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार बी. सुदर्शन रेड्डी की सपा प्रमुख अखिलेश यादव से मुलाकात, जानिए दोनों के बीच क्या हुई बात

संविधान और चुनाव आयोग पर तीखी टिप्पणी

रेड्डी ने संविधान की व्याख्या करते हुए कहा कि हमारा संविधान किसी को शक्ति नहीं देता, बल्कि शक्ति को सीमित करता है। भारत एक बहुसंख्यकवादी राष्ट्र नहीं है, बल्कि विविधता में विश्वास रखने वाला लोकतंत्र है। उन्होंने चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा कि संविधान के समक्ष सबसे बड़ी चुनौती चुनाव आयोग की निष्पक्षता को लेकर है। रेड्डी ने कहा कि लोकतंत्र की रक्षा तभी संभव है जब संस्थाएं स्वतंत्र और जवाबदेह हों।

न्यायिक छवि और सामाजिक सरोकारों के लिए प्रसिद्ध

79 वर्षीय बी. सुदर्शन रेड्डी 2011 में सुप्रीम कोर्ट से सेवानिवृत्त हुए थे। अपने न्यायिक करियर में उन्होंने कई ऐतिहासिक फैसले सुनाए। कुछ प्रमुख फैसलों में शामिल हैं।
• काला धन पर विशेष जांच दल (SIT) के गठन का आदेश
• छत्तीसगढ़ सरकार की सलवा जुडूम नीति को असंवैधानिक ठहराना
• केंद्र सरकार की ढिलाई पर कड़ी टिप्पणी
• तेलंगाना में जातीय जनगणना समिति का नेतृत्व
विपक्ष का मानना है कि रेड्डी “सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय के साहसी समर्थक” हैं।

बंगला अभी दूर, पेंशन की ओर नजर: पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का बदलता राजनीतिक और निजी सफर

पीएम मोदी जुटाएंगे एकजुटता

रेड्डी के पत्र के ठीक एक दिन पहले खबर आई कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 सितंबर को एनडीए सांसदों के लिए रात्रिभोज आयोजित किया है। एनडीए के एक वरिष्ठ नेता के अनुसार इस रात्रिभोज का उद्देश्य केवल उत्सव नहीं, बल्कि गठबंधन की एकता और मतदान के दौरान समन्वय को सुनिश्चित करना है। इससे यह संकेत मिलता है कि सत्ता पक्ष अपने खेमे को एकजुट रखने में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहता।

Exit mobile version