

‘इंडिया’ गठबंधन (I.N.D.I.A Alliance) के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार बी. सुदर्शन रेड्डी ने लखनऊ में समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात की। इस मुलाकात के बाद उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि यह चुनाव किसी राजनीतिक हार या जीत का नहीं है, बल्कि सिद्धांतों और न्याय की बात है। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि जो लोग न्याय के पक्षधर हैं, वे अपनी अंतरात्मा की आवाज पर वोट करेंगे।
उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार बी. सुदर्शन रेड्डी की सपा प्रमुख अखिलेश यादव से मुलाकात
Lucknow: ‘इंडिया’ गठबंधन (I.N.D.I.A Alliance) के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार बी. सुदर्शन रेड्डी ने लखनऊ में समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात की। इस मुलाकात के बाद उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि यह चुनाव किसी राजनीतिक हार या जीत का नहीं है, बल्कि सिद्धांतों और न्याय की बात है। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि जो लोग न्याय के पक्षधर हैं, वे अपनी अंतरात्मा की आवाज पर वोट करेंगे।
रेड्डी ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर तीखा हमला करते हुए आरोप लगाया कि बीजेपी इस चुनाव को विचारधारा के आधार पर बाँटने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि देश को विचारधाराओं में बाँटने के बजाय न्याय और संविधान की रक्षा के लिए एकजुट होना जरूरी है। उन्होंने यह भी कहा कि वर्तमान राजनीतिक माहौल में ऐसे उम्मीदवार की जरूरत है जो न्याय और लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा कर सके।
रेड्डी ने बताया कि वे उत्तर प्रदेश के सांसदों और नेताओं से समर्थन लेने लखनऊ पहुँचे हैं। उन्होंने कहा कि “अखिलेश यादव के बिना यह समर्थन संभव नहीं था।" रेड्डी ने आगे कहा कि देश को इस समय एक न्यायमूर्ति पृष्ठभूमि वाले उपराष्ट्रपति की ज़रूरत है जो निष्पक्षता और संवैधानिक मूल्यों का पालन करे। उन्होंने खुद को सर्वसम्मति से INDIA गठबंधन की ओर से उम्मीदवार बनाए जाने की जानकारी दी।
बी. सुदर्शन रेड्डी ने बताया कि वे दिल्ली में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और चेन्नई में मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन से भी मिल चुके हैं। इसके साथ ही वे लगातार अन्य सांसदों और दलों के नेताओं से संवाद कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह समर्थन जुटाने की प्रक्रिया राजनीतिक नहीं, वैचारिक और नैतिक समर्थन का अभियान है।
रेड्डी ने मीडिया से कहा कि उन्हें INDIA गठबंधन द्वारा सर्वसम्मति से इस पद के लिए नामित किया गया है। उन्होंने यह विश्वास जताया कि “जो लोग न्याय और संविधान की रक्षा में विश्वास रखते हैं, वे मेरी उम्मीदवारी का समर्थन करेंगे।” उन्होंने दोहराया कि यह चुनाव व्यक्तिगत पद के लिए नहीं बल्कि देश के लोकतांत्रिक मूल्यों और सिद्धांतों की रक्षा के लिए है।