Patna: बिहार में जारी ‘वोटर अधिकार यात्रा’ अपने 16वें दिन शनिवार को सारण जिले के ऐतिहासिक नगर एकमा पहुंची, जहां इस यात्रा ने एक नया राजनीतिक आयाम जोड़ दिया। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी, समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव ने संयुक्त रूप से एक भव्य रोड शो में भाग लिया। यह मंचन न केवल विपक्षी एकता का प्रतीक बना, बल्कि इसने आगामी लोकसभा चुनावों के मद्देनज़र विपक्ष की रणनीति और जनसंपर्क अभियान की गहराई को भी उजागर किया।
ऐतिहासिक भूमि पर ऐतिहासिक उपस्थिति
एकमा को महान चिंतक, लेखक और क्रांतिकारी विचारक राहुल सांकृत्यायन की कर्मभूमि माना जाता है। ऐसे ऐतिहासिक स्थल पर राहुल गांधी और अखिलेश यादव जैसे राष्ट्रीय नेता एक साथ एक खुली जीप में सवार होकर रोड शो करते दिखाई दिए। साथ में बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव की उपस्थिति ने इस यात्रा को और अधिक राजनीतिक ताकत दी।
जनता का जोशीला स्वागत
रोड शो के दौरान सारण की सड़कों पर जनसैलाब उमड़ पड़ा। समर्थकों ने ढोल-नगाड़ों के साथ नारेबाजी करते हुए नेताओं का स्वागत किया। जगह-जगह फूल-मालाएं और पार्टी के झंडे लहराते समर्थक इस कार्यक्रम को उत्सव जैसा बना रहे थे। छपरा के नगर पालिका चौक से लेकर एकमा तक कार्यकर्ता नेताओं के स्वागत के लिए पंक्तिबद्ध नजर आए। यात्रा के दौरान राहुल गांधी सफेद टी-शर्ट और गले में सफेद गमछा पहने हुए थे, जबकि अखिलेश यादव पारंपरिक सफेद कुर्ता-पाजामा में दिखे।
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रोड शो में दिखा विपक्ष का “जनाधार”
यात्रा के दौरान जगह-जगह रुक कर नेताओं ने लोगों का अभिवादन किया। युवा, महिलाएं और बुजुर्ग सभी इस ऐतिहासिक क्षण का हिस्सा बनने के लिए सड़कों पर उतरे। तेजस्वी यादव और अखिलेश यादव ने भी लोगों से हाथ जोड़कर और हाथ हिलाकर संवाद स्थापित किया। विशेषकर युवाओं में इस यात्रा को लेकर जबरदस्त उत्साह देखा गया। छात्र, स्थानीय किसान, छोटे दुकानदार और व्यापारी वर्ग की भागीदारी ने इसे महज एक राजनीतिक कार्यक्रम के बजाय जनचेतना अभियान का रूप दे दिया।
विपक्षी एकता की नई पटकथा
राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, यह यात्रा और इसके दौरान हुआ रोड शो विपक्षी दलों के बीच बढ़ती एकजुटता और साझा रणनीति का संकेत है। बिहार में कांग्रेस, राजद और सपा की यह एकजुटता लोकसभा चुनाव से पहले INDIA गठबंधन के पुनर्गठन और प्रभावशाली नेतृत्व का संकेत देती है। विशेष रूप से एकमा जैसे स्थान को चुना जाना भी रणनीतिक तौर पर अहम माना जा रहा है। राहुल सांकृत्यायन की विचारधारा और जनसंवाद की परंपरा को राजनीतिक संकल्प से जोड़कर विपक्ष ने नए वोटर वर्ग, विशेषकर युवाओं और छात्रों, को संदेश देने की कोशिश की है।
क्या कहती है यात्रा की लोकप्रियता?
‘वोटर अधिकार यात्रा’ की शुरुआत का मुख्य उद्देश्य मतदाताओं को उनके संवैधानिक अधिकारों के प्रति जागरूक करना और लोकतंत्र की जड़ों को मजबूत करना था। लेकिन जैसे-जैसे यात्रा आगे बढ़ रही है, यह अभियान एक राजनीतिक आंदोलन का स्वरूप लेता जा रहा है। सारण में उमड़ी भीड़ और जनता की भागीदारी से यह स्पष्ट हो गया है कि यात्रा महज राजनीतिक रस्म अदायगी नहीं, बल्कि जमीन से जुड़ने और भविष्य की राजनीति की दिशा तय करने का मंच बन चुकी है।