नेपाल की पहली महिला चीफ जस्टिस सुशीला कार्की बनेंगी अंतरिम प्रधानमंत्री, जेल विद्रोह और ओली के बयान से देश में तनाव

नेपाल में जारी राजनीतिक संकट के बीच सुशीला कार्की को अंतरिम प्रधानमंत्री बनाया जा रहा है। पूर्व पीएम ओली के भारत पर परोक्ष आरोप और धाडिंग जेल में हुई हिंसा ने हालात को और संवेदनशील बना दिया है। कार्की की नियुक्ति से संविधान और लोकतंत्र को स्थिरता देने की उम्मीद जगी है।

Post Published By: Mayank Tawer
Updated : 11 September 2025, 4:08 AM IST
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Kathmandu: नेपाल में जारी राजनीतिक उथल-पुथल के बीच देश की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश रह चुकीं सुशीला कार्की को अंतरिम प्रधानमंत्री नियुक्त किए जाने पर सहमति बन गई है। देश में बिगड़ते हालात और प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के इस्तीफे के बाद इस अस्थायी व्यवस्था की घोषणा की गई है।

मेयर बालेन शाह सहित कई विपक्षी नेताओं और नागरिक संगठनों ने सुशीला कार्की को समर्थन दिया है। माना जा रहा है कि उनके नेतृत्व में संविधानिक स्थिरता और निष्पक्ष चुनाव की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाएगा।

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कौन हैं सुशीला कार्की?

सुशीला कार्की ने भारत के बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) से राजनीति विज्ञान में मास्टर्स किया है। उन्होंने 1979 में वकालत शुरू की और 11 जुलाई 2016 को नेपाल की पहली महिला चीफ जस्टिस बनीं।

वह अपने कार्यकाल में कई ऐतिहासिक फैसलों के लिए जानी जाती हैं। हालांकि, 2017 में उनके खिलाफ महाभियोग लाया गया था, जिसमें उन पर कार्यपालिका में हस्तक्षेप और पूर्वाग्रह का आरोप लगाया गया था। संसद में भारी बहस के बाद यह महाभियोग वापस ले लिया गया।

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केपी ओली का विवादित बयान

नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने एक सार्वजनिक कार्यक्रम में इशारों-इशारों में भारत पर तख्तापलट के लिए ज़िम्मेदार होने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, "अगर मैं ‘राम’ के नेपाल में जन्म लेने के बयान और लिपुलेख-कालापानी को नेपाल का हिस्सा कहने से पीछे हटता, तो मुझे और मौके मिलते।" ओली के इस बयान ने नेपाल की राजनीति में राष्ट्रवाद की लहर को और भड़का दिया है।

धाडिंग जेल में हिंसा, दो कैदियों की मौत

इधर, नेपाल के धाडिंग जिला जेल में मंगलवार को कैदियों द्वारा भागने की कोशिश की गई। सुबह 9 बजे से शुरू हुए विरोध प्रदर्शन ने दोपहर 1:18 बजे भयावह रूप ले लिया। नेपाली सेना द्वारा फायरिंग में दो कैदियों की मौत हो गई और सात घायल हुए हैं। मारे गए कैदियों की पहचान 75 वर्षीय जीत बहादुर घाले (बलात्कार केस) और 36 वर्षीय इंद्र बहादुर दला (नशीली दवाओं के अपराध) के रूप में हुई है। घटना में छह सुरक्षाकर्मी भी घायल हुए हैं।

नेपाल में हालात बेहद संवेदनशील

नेपाल इस समय गंभीर राजनीतिक अस्थिरता, जन आक्रोश और संवैधानिक संकट के दौर से गुजर रहा है। ऐसे समय में सुशीला कार्की की अंतरिम प्रधानमंत्री के रूप में नियुक्ति से नागरिकों को एक निष्पक्ष और सशक्त नेतृत्व की उम्मीद है।

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