Murshidabad Violence: मुर्शिदाबाद हिंसा पर बोले मिथुन चक्रवर्ती, बंगाल में की राष्ट्रपति शासन की मांग

मुर्शिदाबाद हिंसा के बाद मिथुन चक्रवर्ती ने ममता सरकार पर निशाना साधते हुए राज्य में राष्ट्रपति शासन की मांग की है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 19 April 2025, 2:18 PM IST
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नई दिल्ली: वक्फ संशोधन अधिनियम के खिलाफ पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में भड़की हिंसा को लेकर अभिनेता से नेता बने मिथुन चक्रवर्ती ने चिंता जाहिर की है। उन्होंने राज्य की कानून व्यवस्था को लेकर सवाल उठाते हुए केंद्र सरकार से राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की। उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी की सरकार इस स्थिति को संभालने में पूरी तरह विफल रही है।

डाइनामाइट न्यूज़ के संवाददाता के अनुसार, 8 से 12 अप्रैल के बीच शमशेरगंज, धूलियान, जंगीपुर और सुती जैसे मुस्लिम बहुल इलाकों में हिंसा भड़की। जिसके बाद, मिथुन चक्रवर्ती ने कहा कि अगर जल्द कोई सख्त कदम नहीं उठाया गया तो स्थिति और बिगड़ सकती है। उन्होंने हिंसा को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि केंद्र को कार्रवाई करनी चाहिए।

हिमंत बिस्वा को बताया मजबूत नेता

असम के सिलचर में आयोजित बराक सांस्कृतिक महोत्सव में पहुंचे मिथुन ने असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा की तारीफ करते हुए उन्हें ममता बनर्जी से ज्यादा मजबूत नेता बताया। उन्होंने कहा कि हिमंत की रीढ़ मजबूत है, जबकि ममता की तुलना उनसे नहीं की जा सकती।

अवैध घुसपैठ पर भी उठाए सवाल

मिथुन चक्रवर्ती ने बांग्लादेशी घुसपैठ को लेकर ममता सरकार की भूमिका पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि जब पुलिस खुद बीएसएफ को दूसरी पंक्ति मानती है, तो राज्य की सुरक्षा की जिम्मेदारी किसकी है? ममता बनर्जी सिर्फ दोषारोपण कर रही हैं।

TMC में शामिल होने को बताया जीवन की भूल

मिथुन ने टीएमसी में शामिल होने को अपनी सबसे बड़ी गलती बताया। उन्होंने कहा कि वर्तमान टीएमसी और पुरानी टीएमसी में बड़ा फर्क है। अब की ममता बनर्जी पहले जैसी नहीं रहीं।

राज्यपाल ने पीड़ितों से की मुलाकात

वहीं दूसरी तरफ आज, राज्यपाल सीवी आनंद बोस भी घटनास्थल पर पहुंचे और उन्होंने हिंसा पीड़ितों से मुलाकात की। राज्यपाल सीवी आनंद बोस पीड़ितों से मुलाकात के बाद केंद्र सरकार को पश्चिम बंगाल के कानून व्यवस्था से संबंधित रिपोर्ट भेजेंगे।

पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद और जंगीपुर में 11 और 12 अप्रैल को वक्फ संशोधन अधिनियम के खिलाफ हुए विरोध प्रदर्शन हुआ, जिसने हिंसा का रूप ले लिया। वहीं हालात बिगड़ने पर कलकत्ता उच्च न्यायालय के निर्देश पर बीएसएफ की पांच कंपनियों को तैनात किया गया। पुलिस के अनुसार, शुक्रवार रात हुई हिंसा में तीन लोगों की मौत हो गई, जिसके बाद क्षेत्र में तनावपूर्ण माहौल बना हुआ है।

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