Raipur: बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण के मतदान से पहले समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एक बार फिर सियासी हलचल तेज कर दी है। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में पत्रकारों से बातचीत के दौरान अखिलेश यादव ने आरक्षण और जातीय जनगणना पर बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि अब वक्त आ गया है कि आरक्षण उसी आधार पर दिया जाए, जिसकी जितनी आबादी है। अखिलेश का यह बयान बिहार में जारी जातीय समीकरणों के बीच विपक्षी राजनीति को नया मोड़ देता दिख रहा है।
“जिसकी जितनी आबादी, उसका उतना हक़”
अखिलेश यादव ने कहा, “लोग अब जागरूक हो गए हैं। हर जाति चाहती है कि उसकी गिनती हो। हर व्यक्ति चाहता है कि उसकी जाति की सही पहचान हो। आजकल राष्ट्रीय पार्टियां भी क्षेत्रीय पार्टियों को फॉलो कर रही हैं। बीजेपी भी दबी जुबान में कहती है कि जातीय जनगणना हो और आरक्षण भी जाति की आबादी के आधार पर मिले।” उन्होंने कहा कि दक्षिण भारत में इस नैरेटिव को तोड़ने की कोशिश हुई है, लेकिन उत्तर भारत में अब यह मुद्दा फिर जोर पकड़ रहा है।
“निजीकरण किसी को लाभ पहुंचाने के लिए है”
पत्रकारों द्वारा पूछे गए एक सवाल के जवाब में अखिलेश यादव ने केंद्र सरकार पर तीखा प्रहार किया। उन्होंने कहा कि सरकार का ध्यान नक्सलवाद या सामाजिक मुद्दों पर नहीं है। “बंदूक इलाज नहीं हो सकता, बुलेट इलाज नहीं हो सकता। सरकार को जनता की बुनियादी जरूरतों पर ध्यान देना चाहिए। हम निजीकरण के खिलाफ हैं, क्योंकि निजीकरण केवल कुछ लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए किया जा रहा है। जब तक आम और गरीब लोगों को इसका लाभ नहीं मिलेगा, तब तक समाजवादी पार्टी इसका विरोध करती रहेगी।”
घुसपैठ पर बीजेपी से सवाल
सीमा पार से घुसपैठ को लेकर पूछे गए सवाल पर अखिलेश यादव ने बीजेपी पर पलटवार किया। उन्होंने कहा, “11 साल से दिल्ली में किसकी सरकार है? अगर घुसपैठिए आ रहे हैं, तो यह आपकी ही सरकार की नाकामी है। आप अपने ऊपर ही आरोप लगा रहे हैं कि पिछले 11 सालों से आप ही घुसपैठियों को आने दे रहे थे। इसे मैं लोकसभा में जरूर उठाऊंगा।” अखिलेश ने कहा कि विपक्ष की जिम्मेदारी सरकार से सवाल पूछना है, और समाजवादी पार्टी यह जिम्मेदारी निभाती रहेगी।
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“डबल इंजन नहीं, रिमोट कंट्रोल सरकार”
डबल इंजन सरकार पर तंज कसते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि “जब से वाई-फाई आ गया है, रिमोट होना स्वाभाविक है। जहां लाभ की जगह होती है, वहीं बीजेपी एक रिमोट रखती है। एक गांजा, एक शराब-यही बीजेपी का डबल इंजन है।” उनका इशारा उन राज्यों की ओर था जहां बीजेपी सत्ता में है लेकिन फैसले दिल्ली से लिए जाते हैं। अखिलेश ने कहा कि जनता अब समझ चुकी है कि “डबल इंजन” सिर्फ एक राजनीतिक जुमला है, असल में जनता को लाभ नहीं पहुंच रहा।
बिहार के सियासी समीकरण पर असर
अखिलेश यादव का यह बयान ऐसे समय आया है जब बिहार में जातीय जनगणना की राजनीति एक बार फिर गर्म है। आरजेडी, कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल पहले ही “जिसकी जितनी आबादी, उसका उतना हक़” के नारे को प्रमुखता से उठा रहे हैं। अब समाजवादी पार्टी की एंट्री से यह मुद्दा राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा में आ गया है।

