BRS से निलंबन के बाद के. कविता का बड़ा ऐलान, नेताओं पर साजिश का आरोप, MLC पद से भी इस्तीफा

भारत राष्ट्र समिति (BRS) की वरिष्ठ नेता और विधान परिषद सदस्य (MLC) के. कविता ने बुधवार, 3 सितंबर को पार्टी और अपने पद से इस्तीफे का ऐलान कर दिया। कविता ने कहा कि पार्टी के कुछ नेता उनके खिलाफ लगातार साजिश कर रहे हैं।

Post Published By: Poonam Rajput
Updated : 3 September 2025, 3:31 PM IST
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Telangana: भारत राष्ट्र समिति (BRS) की वरिष्ठ नेता और विधान परिषद सदस्य (MLC) के. कविता ने बुधवार, 3 सितंबर को पार्टी और अपने पद से इस्तीफे का ऐलान कर दिया। कविता ने कहा कि पार्टी के कुछ नेता उनके खिलाफ लगातार साजिश कर रहे हैं। यह इस्तीफा उस समय आया है जब बीआरएस ने एक दिन पहले ही उन्हें पार्टी विरोधी गतिविधियों का आरोप लगाकर निलंबित कर दिया था।

मीडिया से मिली निलंबन की जानकारी

के. कविता ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि उन्हें अपने निलंबन की जानकारी मीडिया से मिली। उन्होंने आरोप लगाया कि यह फैसला राजनीतिक दबाव और अंदरूनी षड्यंत्र का नतीजा है। कविता ने कहा, “मैंने कभी तेलंगाना के लोगों के खिलाफ काम नहीं किया। मेरे पिता, के. चंद्रशेखर राव, पर मुझे निकालने का दबाव बनाया गया। मैं उनसे अपील करती हूं कि वे अपने आसपास के नेताओं की असलियत समझें।”

परिवार को तोड़ने की साजिश का आरोप

कविता ने बीआरएस के वरिष्ठ नेता और अपने रिश्तेदार हरीश राव तथा संतोष राव पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि ये दोनों नेता परिवार को तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं। इसके साथ ही उन्होंने दावा किया कि मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी और बीआरएस के भीतर के गद्दारों ने मिलकर पार्टी को कमजोर करने की साजिश रची है। कविता का कहना है कि तेलंगाना की जनता इस तरह की राजनीति को कभी माफ नहीं करेगी।

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पार्टी विरोधी गतिविधियों पर सफाई

बीआरएस ने कविता पर आरोप लगाया था कि वे पार्टी लाइन से हटकर काम कर रही हैं। इस पर सफाई देते हुए कविता ने कहा कि जेल से रिहा होने के बाद उन्होंने बीआरएस का झंडा थामकर कई कार्यक्रमों में हिस्सा लिया। उन्होंने कांग्रेस सरकार की नीतियों, खासकर पिछड़े वर्ग के आरक्षण जैसे मुद्दों पर संघर्ष किया। कविता का सवाल है कि अगर सरकार के खिलाफ आवाज उठाना पार्टी विरोधी गतिविधि है, तो फिर असली दोषी कौन है?

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इस्तीफे से बढ़ा राजनीतिक तनाव

कविता के इस्तीफे ने तेलंगाना की राजनीति में नया मोड़ ला दिया है। एक ओर बीआरएस में आंतरिक खींचतान साफ नजर आ रही है, वहीं दूसरी ओर विपक्ष इसे अपनी मजबूती का संकेत मान रहा है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि कविता का पार्टी छोड़ना न केवल बीआरएस के लिए झटका है बल्कि आने वाले समय में राज्य की सत्ता समीकरणों को भी प्रभावित कर सकता है।

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