Site icon Hindi Dynamite News

Terrorism in UP: गजवा-ए-हिंद की साजिश में नया मोड़, अजमल अली से पूछताछ में हो सकता है बड़ा खुलासा

लखनऊ में आतंकवाद निरोधक दस्ता (ATS) द्वारा गजवा-ए-हिंद से जुड़ी साजिश की जांच अब और गहराई से की जा रही है। एटीएस इस मामले में पकड़े गए आरोपियों के पाकिस्तानी कनेक्शन और इंटरनेट मीडिया के माध्यम से चल रहे कट्टरपंथी नेटवर्क की परतें खोलने में जुटा है। अमरोहा निवासी अजमल अली उर्फ अकमल को सात दिन की पुलिस रिमांड पर लेकर पूछताछ की जाएगी, जिसकी अवधि शनिवार सुबह 11 बजे से शुरू होगी।
Post Published By: Poonam Rajput
Published:
Terrorism in UP: गजवा-ए-हिंद की साजिश में नया मोड़, अजमल अली से पूछताछ में हो सकता है बड़ा खुलासा

Lucknow: लखनऊ में आतंकवाद निरोधक दस्ता (ATS) द्वारा गजवा-ए-हिंद से जुड़ी साजिश की जांच अब और गहराई से की जा रही है। एटीएस इस मामले में पकड़े गए आरोपियों के पाकिस्तानी कनेक्शन और इंटरनेट मीडिया के माध्यम से चल रहे कट्टरपंथी नेटवर्क की परतें खोलने में जुटा है। अमरोहा निवासी अजमल अली उर्फ अकमल को सात दिन की पुलिस रिमांड पर लेकर पूछताछ की जाएगी, जिसकी अवधि शनिवार सुबह 11 बजे से शुरू होगी।

सूत्रों के अनुसार,  एटीएस ने इस मामले में अमरोहा के अजमल अली के साथ-साथ महाराष्ट्र के ठाणे निवासी डा. उसामा माज शेख को भी गिरफ्तार किया है। पूछताछ में खुलासा हुआ है कि अजमल अली, डॉ. उसामा से प्रभावित होकर कट्टरपंथी बना और दोनों का संपर्क इंटरनेट मीडिया के जरिए हुआ था। इन दोनों की गिरफ्तारी एक ऐसे वाट्सएप ग्रुप ‘Reviving Islam’ के माध्यम से हुई गतिविधियों के बाद हुई, जिसमें कई पाकिस्तानी सदस्य भी शामिल थे।

जानकारी के अनुसार, डॉ. उसामा का नेटवर्क कई राज्यों में फैला हुआ है और वह इंटरनेट मीडिया के ज़रिए युवाओं को कट्टरपंथ और हिंसा के लिए उकसाता रहा है। अजमल ने अपनी पूछताछ में माना कि उसने सोशल मीडिया के जरिए कई युवकों को प्रभावित करने की कोशिश की और जिहादी विचारधारा से जोड़ने का प्रयास किया। एटीएस को संदेह है कि इस नेटवर्क के तार भारत में कई अन्य स्थानों और व्यक्तियों से भी जुड़े हो सकते हैं।

एटीएस की टीम अब अजमल अली से पूछताछ कर यह जानने की कोशिश करेगी कि उसके पाकिस्तानी संपर्क कौन-कौन थे, ग्रुप में क्या योजनाएं बनाई जा रही थीं और किन अन्य युवकों को इस कट्टरपंथी एजेंडे में शामिल किया गया।

गजवा-ए-हिंद की विचारधारा के अनुसार, भारतीय उपमहाद्वीप में रहने वाले गैर-मुस्लिमों को ‘काफिर’ मानते हुए उन्हें पराजित कर इस्लाम में शामिल करना लक्ष्य माना जाता है। एटीएस को आशंका है कि ऐसे विचारों को फैलाने के लिए कई अन्य वाट्सएप ग्रुप भी सक्रिय हैं।

अगले चरण में डॉ. उसामा को भी पुलिस रिमांड पर लेने की तैयारी की जा रही है, ताकि इस साजिश की पूरी रूपरेखा और नेटवर्क का खुलासा हो सके। एटीएस की यह कार्रवाई आतंकवाद और कट्टरपंथ के खिलाफ चल रही जांच में एक अहम कदम मानी जा रही है।

Exit mobile version