E20 फ्यूल पर अफवाहें बेबुनियाद: पेट्रोलियम मंत्रालय ने दी सफाई, बताया सुरक्षित और फायदेमंद

देश में 20 प्रतिशत इथेनॉल मिश्रित पेट्रोल (E20) को लेकर सोशल मीडिया पर भ्रम फैलाया जा रहा है, जिस पर केंद्र सरकार ने अब स्थिति स्पष्ट की है। पेट्रोलियम मंत्रालय का कहना है कि E20 ईंधन को लेकर फैल रही अफवाहें बेबुनियाद हैं और इसका मकसद एक जनहित योजना को पटरी से उतारना है।

Post Published By: Poonam Rajput
Updated : 12 August 2025, 8:49 PM IST
google-preferred

New Delhi: देश में 20 प्रतिशत इथेनॉल मिश्रित पेट्रोल (E20) को लेकर सोशल मीडिया पर भ्रम फैलाया जा रहा है, जिस पर केंद्र सरकार ने अब स्थिति स्पष्ट की है। पेट्रोलियम मंत्रालय का कहना है कि E20 ईंधन को लेकर फैल रही अफवाहें बेबुनियाद हैं और इसका मकसद एक जनहित योजना को पटरी से उतारना है।

क्या है E20 ईंधन और क्यों जरूरी है?

E20 में 20 फीसदी इथेनॉल और 80 फीसदी पारंपरिक पेट्रोल होता है। इथेनॉल गन्ना, मक्का जैसी फसलों से तैयार होता है, जिससे किसानों को अतिरिक्त आमदनी होती है और देश को कच्चे तेल के आयात पर निर्भरता घटती है। यह पर्यावरण के लिहाज से भी अहम कदम है, क्योंकि इससे ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन घटता है।

माइलेज पर असर कितना?

मंत्रालय ने माना है कि E20 का ऊर्जा घनत्व पारंपरिक पेट्रोल से थोड़ा कम है, इसलिए माइलेज में 1 से 2 प्रतिशत तक गिरावट हो सकती है — खासकर उन गाड़ियों में जो पूरी तरह E20-फ्रेंडली नहीं हैं। लेकिन इसका फायदा यह है कि इससे इंजन को बेहतर पावर और स्मूथ एक्सीलरेशन मिलता है।

इंश्योरेंस को लेकर फैल रहा डर झूठा

कुछ पोस्ट्स में यह दावा किया गया कि E20 इस्तेमाल करने से वाहन का इंश्योरेंस अमान्य हो जाएगा। सरकार ने स्पष्ट किया है कि यह पूरी तरह से गलत है। इंश्योरेंस कंपनियों ने भी इसे खारिज किया है। E20 का वाहन बीमा पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ता।

तकनीकी रूप से सुरक्षित और फायदे वाला ईंधन

E20 का ऑक्टेन स्तर पारंपरिक पेट्रोल से अधिक होता है, जिससे इंजन की नॉकिंग कम होती है और परफॉर्मेंस में सुधार आता है। इसके अलावा, वाहन निर्माता कंपनियां 2009 से E20-समर्थित गाड़ियाँ बना रही हैं, जिनमें किसी अतिरिक्त समस्या की आशंका नहीं होती।

आर्थिक और पर्यावरणीय लाभ भी जबरदस्त

E20 के उपयोग से न केवल किसानों को फायदा होगा, बल्कि इससे विदेशी मुद्रा की बचत, प्रदूषण में कमी और स्वदेशी ईंधन पर निर्भरता बढ़ेगी। सरकार का अनुमान है कि इससे करोड़ों रुपये की विदेशी मुद्रा बचेगी और लाखों किसानों की आय में वृद्धि होगी।

Location :